तमिलनाडु में प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर क्रॉस बनाकर उसे एक चर्च का स्वरूप देने का प्रयास !

  • चर्च पर किसीने ॐ निकालने का प्रयास किया होता, तो पूरे देश में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में, वह समाचार बन कर, निधर्मवादियों ने हिंदुओं को ‘तालिबानी’ घोषित कर दिया होता; परंतु यहां भले ही हिंदू मंदिरों के विभिन्न स्थानों पर क्रॉस बनाएं गए हों, तब भी हिंदुत्वनिष्ठ संगठन एवं हिंदू-विरोधी संगठन भी चुप हैं !
  • जब अण्‍णाद्रमुक की जयललिता तमिलनाडु में मुख्यमंत्री थी, तब शंकराचार्य को झूठे/गलत आरोप लगा कर गिरफ्तार किया गया और कारागृह में बंदी बनाया गया । आज जब उसी पार्टी की सरकार सत्ता में है तब हिन्दू विरोधी गतिविधियों में वृद्धि होना कोई आश्चर्य की बात है क्या ?
दीवारों और फर्श पर ईसाई क्रॉस खींचा गया है

तिरुपत्तूर (तमिलनाडु) – यहां के नटरमपल्ली तालुका के एलापल्ली गांव में २५० वर्ष पुराने अम्मन मंदिर की सभी दीवारों एवं फर्श/फरशों पर ईसाईयों के क्रास बनाएं गए हैं तथा उसे चर्च का स्वरूप दिया गया है । इस संबंध में पुलिस में शिकायत प्रविष्ट कर दी गई है।

ग्रामीणों का आरोप है कि महेंद्रन और बेबी के बेटे बासकर ने पहले मंदिर में मूर्तियों एवं दान पेटियों को तोड़ा था। इस पर पुलिस को सूचना दी गई थी । (शिकायत प्रविष्ट करने के बाद पुलिस ने क्या कार्रवाई की ? यदि उसी समय कार्रवाई की गई होती, तो धर्मांध भविष्य में हिंदू विरोधी काम करने का साहस नहीं करते ! – संपादक)

ग्रामीणों को संदेह है कि, उसीने मंदिर पर क्रॉस खींचें /निकालें होंगे ।जब ग्रामीणों ने बासकर से इस बारे में पूछा, तो उसने उन्हें गालीगलोच की । उसने यह धमकी भी दी कि, ‘मेरे साथ गांव के कुछ लोग हैं और हमने मिलकर यह कृत्य किया है । इसलिए, मेरा कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता ।’ (धर्मांधों की उद्दन्डता ! उनके विरुद्ध कठोर /कडी कार्रवाई करने पर ही वे ठीक आचरण करेंगे ! – संपादक)