‘चीन एक विश्वास घातक देश है’, जब कुछ दशक पहले यह स्पष्ट हो गया था तो भारत बार-बार इस पर कैसे विश्वास कर सकता है ? “चीन पर विश्वास करना, यह आत्महत्या करने जैसा है और उसे उसी भाषा में उत्तर देने की आवश्यकता है जो वह समझता है” ; भारतीय जनता, शासन से यही अपेक्षा करती है !
नई दिल्ली : ‘भारत अपनी सैन्य संख्या में तब तक कमी नहीं करेगा, जब तक कि चीन अपनी सैन्य संख्या में कमी नहीं करता’, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा । यह पूछे जाने पर कि, क्या चीन ने भारत के भरोसा तोडा है ? राजनाथ सिंह ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है ।’ राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, ‘भारत तीव्रता से अपनी सीमा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रहा है और चीन ने कुछ योजनाओं पर आपत्ति भी जताई है ।’