कांग्रेस शासन काल से, अर्थात् १९८० के दशक से, चीन भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण कर रहा है ! – भाजपा सांसद तापिर गाओ का दावा

चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा का अतिक्रमण कर गांव बसाए !

कांग्रेस के कार्यकाल में हुई गलतियों को भाजपा के शासन काल में सुधारे जाने की आवश्यकता है । ऐसा हिंदुओं को लगता है । यह ध्यान रखकर केंद्र सरकार को प्रयास करना चाहिए !

अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के बाद चीन द्वारा स्थापित एक गाँव

ईटा नगर (अरुणाचल प्रदेश) – चीन १९८० के दशक से भारतीय भू क्षेत्र में नियंत्रण प्राप्त कर रहा है । गांवों को स्थापित करना, सैन्य शिविरों का निर्माण करना, चीन के लिए कोई नई बात नहीं है । बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने आरोप लगाया है कि, पूरे देश को कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण कीमत चुकानी पडी है । पता चला है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर एक गांव खडा कर दिया है । इस गांव में लगभग १०१ घर हैं । गांव  भारत की वास्तविक सीमा के साढ़े चार किलोमीटर अंदर स्थित होने का दावा किया जा रहा है । आधिकारिक मानचित्र के अनुसार, यह क्षेत्र भारतीय सीमा के भीतर आता है ; किंतु, १९५९ से चीन ने इस पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है । अतीत में, यहां केवल एक चीनी चौकी थी ; किंतु नए चित्र में यह देखा गया है कि अब यहां गांव स्थापित कर दिया गया है । इस पृष्ठभूमि में गाओ ने उपरोक्त आरोप लगाए हैं ।

तापिर गाओ ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में सीमा क्षेत्र में  बुनियादी ढाँचे के निर्माण का काम कांग्रेस सरकार द्वारा नहीं किया गया है । इससे ३-४  किमी का बफर जोन छूट गया । इसपर  अब चीन द्वारा नियंत्रण प्राप्त किया जा रहा है । इसके विपरीत, चीन १९८०  के दशक से इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इतना ही नहीं, बल्कि लोंग्जू और माजा के क्षेत्रों के लिए चीन द्वारा सड़कें बनाई गईं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान, चीन ने तवांग में सुमदोरोंग चू घाटी का नियंत्रण हासिल कर लिया था । तत्कालीन सेना प्रमुख ने  एक सैनिकी कार्यवाई की योजना बनाई थी; लेकिन सरकार ने उन्हें अनुमति नहीं दी ।

भारत भी सीमा पर अपने मूलभूत ढांचे को सुदृढ कर रहा है ! – विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘हमने भारत की सीमा पर चीन द्वारा गांव बसाने का समाचार देखा है । चीन पिछले अनेक वर्षों से ऐसे विवादित क्षेत्रों में निमार्ण कर रहा है । इसके उत्तर में भारत भी अपने मूलभूत ढांचे को सुदृढ कर रहा है । हम रास्ते, पुल आदि का निर्माण कर रहे हैं, जिससे लोगों के भविष्य की समस्याओं का समाधान होगा । सीमावर्ती प्रदेशों पर नियमित ध्यान रखा जा रहा है । देश की सार्वभौमिकता और सीमाओं की अखंडता कायम रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं । सीमावर्ती भागों में विविध निर्माण करने के लिए सरकार कटिबद्ध है । इससे स्थानीय लोगों का भविष्य सरल होगा । इसमें अरुणाचल प्रदेश भी अंतरभूत ।’

(सौजन्य : Times Now)