‘वन्दे मातरम्’ न कहने वालों को, जिहादी आतंकवादियों को खुलकर विरोध न करने वालों को; बाबर, औरंगजेब का समर्थन करने वालों को ‘यह देश अपना लगता है’, ‘व देश भक्त हैं’, यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है ? काश्मीर से साढे चार लाख हिंदुओं को भगाने वालों को देश भक्त कैसे माना जाय ?
भाग्य नगर (तेलंगाना) – एक धर्म के मानने वाले लोगों को अपनेआप देश भक्ति के प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं, तो दूसरों को ‘भारत में रहना है और स्वयं को भारतीय कहलाने का अधिकार है’, यह सिद्ध करने के लिए पूरा जीवन लगाना पडता है, ऐसी टिप्पणी एम.आई.एम. के अध्यक्ष और विधायक असदुद्दीन ओवैसी ने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के बयान पर की ।
ओवैसी ने आगे कहा कि,
१. यह मानना तर्क संगत है कि, ‘अधिकांश भारतीय विश्वास के बिना देशभक्त हैं’ । यह केवल संघ की अज्ञानी सोच में है ।
२. गांधी की हत्या करने वाले गोडसे के विषय में क्या कहेंगे ? नेल्ली हत्या कांड, वर्ष १९८४ के सिख विरोधी दंगे और वर्ष २००२ गुजरात दंगों के उत्तरदायी लोगों के विषय में क्या बोलेंगे ? सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत उत्तर देंगे क्या ? (वर्ष १९४७ भारत का विभाजन, उस समय १० लाख हिंदुओं की हत्या, हिंदू महिलाओं पर बलात्कार, स्वामी श्रद्धानंद की हत्या, केरल में मोपला मुसलमानों द्वारा की गई हिंदुओं की हत्याएं इस विषय में ओवैसी उत्तर देंगे क्या ? – संपादक)
Will Bhagwat answer: What about Gandhi's killer Godse? What about the men responsible for Nellie massacre, anti-1984 anti-Sikh & 2002 Gujarat pogroms?
It's rational to assume that most INDIANS are patriots regardless of their faith. It's only in RSS's ignorant ideology….[1/2] https://t.co/fZv3GpmlIg
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 1, 2021