‘सनातन प्रभात की सेवा करते समय साधकोंको आनन्द मिलता है । १२-१३ घण्टों तक सेवा करनेपर भी उत्साह बना रहता है । इसके विपरीत अन्य समाचार-पत्रों के कर्मचारियों और अधिकारियों को कभी-कभी ‘जॉब सैटिस्फैक्शन’ नहीं मिलता । ८ घंटों की नौकरी किसी प्रकार निबटाई जाती है । सनातन प्रभात के साधकों को आनंद मिलने का कारण यह है कि सनातन प्रभात द्वारा अंगीकृत उच्च आध्यात्मिक सिद्धांत । इससे साधक कठिनाईयों का सामना धैर्यपूर्वक कर पाते हैं । रुचि-अरुचि को अनदेखी कर, जो मिले उस सेवा का आनंद लेते हैं । साधकों की साधना होने से वे ईश्वर का सान्निध्य अनुभव कर सकते हैं । लोकैषणा के लिए विचित्र हावभाव कर बोलनेवाले अहंकार से परिपूर्ण अन्य समाचार-पत्रिकाआें के अनेक संपादकों को देखने पर भान होता है कि इस क्षेत्र में रहकर भी ‘ईश्वर ने किस प्रकार अपनी पलकों पर बिठाकर रखा है ।’
अन्य समाचार-पत्र तथा ‘सनातन प्रभात’ में भेद
अन्य समाचार-पत्र | सनातन प्रभात |
व्यक्तिनिष्ठ अथवा पक्षनिष्ठ – | तत्त्वनिष्ठ, राष्ट्रनिष्ठ व ईश्वरनिष्ठ |
आर्थिक लाभ, यह मुख्य उद्देश्य – | राष्ट्र व धर्म की रक्षा, यह केंद्रबिंदु |
रोचक, अर्धसत्य अथवा एकांगी समाचार – | हिन्दू समाज हित का वास्तविक समाचार |
पैसे लेकर समाचार छापना (पेड न्यूज) – | वस्तुनिष्ठ एवं आदर्श पत्रकारिता |
गुटखा, मद्य आदिके विज्ञापन लेना – | समाजविरोधी विज्ञापन न छापना |
राजनीति, खिलाडियों विषय में केवल – पाठकों की रुचि अनुसार लेखन करना |
समाचारों के साथ योग्य दृष्टिकोण देकर पाठकों को सक्रिय बनानेवाले लेख |
भोगवाद, पाश्चात्य कुप्रथा आदि को – उत्तेजना देनेवाला लेखन |
राष्ट्रप्रेम, धर्माचरण व साधना का संस्कार करनेवाला लेखन |