वर्ष २०२० की वास्‍तविकता !

आज वास्‍तव में देखा जाए, तो कोरोना महामारी के कारण पिछले ६ महीने से भी अधिक समय से देश ठप्‍प हुआ है । भले ही ऐसा हो; परंतु ‘सनातन प्रभात’ के माध्‍यम से इस महामारी का सामना करने के लिए विविध उपाय निरंतर प्रकाशित किए जा रहे हैं । अनेक पाठकों ने हमें यह सूचित किया कि ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित मनोबल बढाने हेतु स्‍वसूचनाएं, कोरोना महामारी के काल में आत्‍मबल बढाने हेतु उपयुक्‍त नामजप, शारीरिक स्‍तर पर स्‍वस्‍थ रहने के लिए उपाय आदि के संदर्भ में संबंधित क्षेत्र में सक्रिय विशेषज्ञों के विचार और संतों के मार्गदर्शन के कारण हमें बहुत लाभ प्राप्‍त हुआ ।’ एक मान्‍यवर ने सूचित किया कि ‘यह समाचार-पत्र इस संकटकाल में सकारात्‍मक समाचार दे रहा है’, इसका अनुभव कर बहुत आनंदित हूं ।’

भले ही यातायात बंदी के कारण हम अनेक क्षेत्रों के पाठकों तक पहुंच नहीं पाए हों; परंतु जहां संभव था, वहां तक दैनिक पहुंचाने का प्रयास किया गया । इस समय में विज्ञापन मिलना भी अल्‍प हो गया । ऐसी स्‍थिति में पिछले ३ महीने से हम केवल जनहित को ध्‍यान में रखते हुए आर्थिक हानि सहकर भी समाचार-पत्र चला रहे हैं । कोरोना संक्रमण के समय में भी वितरकों ने दैनिक के वितरण की सेवा अखंड जारी रखी । सरकार के सभी निर्देशों का पालन करते हुए और समाज में घूमने के कारण संभावित सभी संकटों को स्‍वीकार कर साधकों द्वारा की गई यह सेवा निश्‍चित रूप से प्रशंसनीय है ! जहां पाठकों तक दैनिक नहीं पहुंचाया जा सकता, वहां ‘पीडीएफ’ के माध्‍यम से दैनिक उपलब्‍ध कराया गया ।

‘संकटकाल में सामान्‍य लोगों को आधार प्रतीत हुआ’, ऐसी प्रतिक्रिया मिलना किसी समाचार-पत्र के लिए बडी प्रशंसा की बात है ! कई संतों द्वारा बताए अनुसार तो यह आनेवाले भीषण आपातकाल की एक झलक मात्र है । केवल कोरोना के काल में ही नहीं; अपितु आनेवाले आपातकाल में भी ईश्‍वर की कृपा और संतों के आशीर्वाद से हम इसी प्रकार समाज की सहायता के लिए क्रियाशील रहेंगे ! संकटकाल में क्रियाशील रहना तो निश्‍चित ही सरल नहीं है; परंतु ‘हिन्‍दू राष्‍ट्र’ की ‘मंगलमय प्रभात’ देखने के लिए हमें यह संघर्ष करना ही पडेगा ! सुराज्‍य की ओर ले जानेवाले इस संघर्ष में पाठक भी सदैव हमारा साथ देंगे, इसमें कोई संदेह नहीं !’