दमोह (मध्य प्रदेश) में गोवंशों की तस्करी रोकने का प्रयास कर रहे हिन्दू युवक की कट्टरपंथियों द्वारा हत्या !

  • मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी हिन्दुओं को ऐसी घटनाओं की अपेक्षा नहीं है, क्योंकि वहां गोहत्या पर प्रतिबंध है !

  • कट्टरपंथियों के अत्याचार को रोकने के लिए, हिन्दुओं को शारीरिक रूप से सक्षम होने के साथ-साथ साधना करके अपनी आध्यात्मिक शक्ति बढाने की आवश्यकता है !
आंदोलन के दौरान हिंदुत्ववादी संगठन

दमोह (मध्य प्रदेश) – दो युवकों ने कुछ लोगों को अवैध रूप से गोवंशों को ले जाने से रोकने का प्रयास किया । उस समय, कसाइयों ने उन पर धारदार हथियारों से आक्रमण किया । इसमें, अजय मुदा नाम के एक युवा शिक्षक की हत्या की गई। यह घटना २८ दिसंबर की रात को हुई थी । इस घटना की जानकारी मिलने के बाद, हिन्दुत्ववादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया । “अगर पुलिस कट्टरपंथियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करती है, तो आंदोलन होगा”, उन्होंने चेतावनी दी है । पुलिस ने रियाज, शमीम, कय्यूम और अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया है ।

मृतक के परिजनों ने एंबुलेंस में युवक के शव को घंटाघर ले जाने के बाद, हिन्दुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने न्याय पाने के लिए वहां आंदोलन शुरू कर दिया। जब पुलिस ने एंबुलेंस से युवक का शव निकालने से इनकार कर दिया तब उनमें वादविवाद हुआ। उसके बाद, हिन्दुत्ववादी कार्यकर्ता शव को अंबेडकर चौक ले गए और वहां आंदोलन शुरू कर दिया। ( हिन्दुओं को हमेशा न्याय पाने के लिए आंदोलन क्यों करना पड़ता है? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) हिन्दुत्वनिष्टों का कहना था कि जब तक धर्मांधों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक अंतिमसंस्कार नहीं किया जाएगा । पुलिस द्वारा समझाने की कोशिश के बाद अंतिम संस्कार किया गया। (हिन्दुओं से अपेक्षा की जाती है कि वे पुलिस जब तक न्याय न मिले, तब तक उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं करना चाहिये ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)