अगर मुसलमान और हिंदू इस टीके के माध्यम से धार्मिक भावनाओं के आहत होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं, तो लोगों को लगता है कि सरकार को आधिकारिक रूप से घोषणा करनी चाहिए कि इस टीके को बनाने में किन सामग्रियों का उपयोग किया गया है ! वैसे भी दवाओं को बनाने वाली सामग्री का उल्लेख हमेशा किया जाता है ! तो कोरोना टीके के बारे में जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई है ?
नई दिल्ली : हिंदू महासभा के स्वामी, चक्रपाणि ने मांग की है कि वैक्सीन, जिसे अमेरिका में विकसित किया गया है, हमारे द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उसको बनाने में गाय के रक्त का उपयोग किया गया है। “जब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना के टीके में गाय के रक्त का उपयोग नहीं किया गया है, तब तक भले ही मृत्यु हो जाए, टीका नहीं लूंगा”, स्वामी चक्रपाणि ने कहा । समाचार माध्यमों के अनुसार चक्रपाणि ने इस संबंध में राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद को एक निवेदन दिया है । इससे पहले, मुसलमान समूहों ने टीके का बहिष्कार करने का आह्वान किया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें सूअर का अंश है । कहा जाता है कि अगले माह से भारत में कोरोना टीकाकरण आरंभ किया जाएगा ।
स्वामी चक्रपाणि ने इस निवेदन में कहा है कि,
१. भारत में वैक्सीन का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि यह स्पष्ट न हो कि कोरोना वैक्सीन कैसे बनाई जाती है और क्या यह किसी व्यक्ति की धार्मिक आस्था के विरुद्ध है ।
२. कोरोना समाप्त होना चाहिए और टीका भी जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए ; किंतु इसके लिए हमारा धर्म भ्रष्ट नहीं किया जा सकता है । जब कोई प्रतिष्ठान दवा बनाता है, तो उसके घटकों की सूचना दी जाती है, फिर कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई है ?
३. सनातन धर्म में गाय को माता माना गया है । अगर गाय का रक्त हमारे शरीर में जाता है, तो यह हमारे धर्म को दूषित करने का प्रयास होगा । सनातन धर्म को समाप्त करने के इस तरह के षडयंत्र कई वर्षों से रचे जा रहे हैं । इसलिए, यदि कोई कोरोना वैक्सीन उपलब्ध है, तो उसकी पूरी जानकारी पहले दी जानी चाहिए । सभी संदेहों को दूर करने के बाद ही टीकाकरण किया जाना चाहिए ।
४. हममें पहले विश्वास का निर्माण करें, तदोपरांत इसका उपयोग करने की नीति अपनानी चाहिए । इस टीके में गाय के रक्त का उपयोग नहीं हुआ है, पहले जनता में यह विश्वास दिलाएं, फिर यह टीका दें । जान जाए तो जाए, पर धर्म भ्रष्ट नहीं होना चाहिए ।
राष्ट्रपति को दिया गया ज्ञापन, करोना के वैक्सीन या दवा भारत में लाने से पहले सरकार या अंतरराष्ट्रीय कंपनियां देश को स्पष्ट करें की वैक्सीन या दवा में गाय का खून अथवा कोई भी ऐसे पदार्थ ना हो जो हिंदू सनातन धर्म की भावना को आहत करता है🌸🙏🌸 स्वामी चक्रपाणि महाराज- pic.twitter.com/UgOj1idLAF
— Swami Chakrapani Maharaj (@SwamyChakrapani) December 27, 2020