चीन की प्रत्येक चाल को निष्फल करने के लिए भारत को प्रयास करना चाहिए !
काठमांडू (नेपाल) – नेपाल की संसद को भंग करने से चीन को झटका लगा है । नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में फूट न पडे, इसलिए चीन अपने सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के ४ वरिष्ठ नेताओं को नेपाल भेजा है । चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उपमंत्री कुओयेचौ नेपाल जा रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली और भूतपूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के बीच विवाद के कारण पार्टी में फूट पडना निश्चित है । प्रचंड ने कुछ दिन पूर्व ही ओली को कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था । इसके बाद ओली ने नेपाल संसद भंग कर चुनाव की घोषणा की थी । इस पृष्ठभूमि पर नेपाल में चीन के राजदूत होऊयांकी ने दोनो गुटों के नेताओं से भेंट की तथा विवाद को सुलझाने का प्रयास किया; परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली । इसके बाद होऊ ने इसकी सूचना चीन के नेताओं को भेजी । इसके बाद चीन ने उसके ४ नेताओं को नेपाल भेजने का निर्णय लिया ।