भारत में मुसलमान भी ऐसा ही अनुरूप व्यवहार करेंगे, ऐसी अपेक्षा की जाती है !
अबु दबी (यूएई) – संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शीर्ष इस्लामिक निकाय ‘संयुक्त अरब अमीरात के फतवा परिषद’ ने कोरोना वैक्सीन का बडे पैमाने पर बहिष्कार करने की मांग होते हुए भी कोरोना वैक्सीन पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है । ‘कोरोना के टीके में यदि सुअर के अंश का उपयोग किया भी गया हो, तब भी मुसलमान वह टीका ले सकते हैं’, ऐसा कहा गया है । सुअर से संबंधित उत्पादों का उपयोग मुसलमानों द्वारा ‘हराम’ माना जाता है । पोर्क जिलेटिन का उपयोग टीका उत्पादन में किया जाता है ।
परिषद के अध्यक्ष, शेख अब्दुल्ला बिन ने कहा कि कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है और इस समय मानव शरीर की रक्षा करना अधिक महत्वपूर्ण है । कोरोना के मामले में, पोर्क जिलेटिन को एक दवा के रूप में देखा जाता है, न कि भोजन के रूप में ।