प्रधानमंत्री मोदी जो सोचते हैं, वह इस विश्वविद्यालय के कुछ कट्टर छात्रों को पसंद नहीं है । ऐसे लोगों की कानूनी व्यवस्था होनी चाहिए !
अलीगढ (उत्तर प्रदेश) – अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक ‘मिनी इंडिया’ है । यहां उर्दू, हिन्दी, अरबी एवं संस्कृत पढाई जाती है । पुस्तकालय में कुरान है । भगवद्गीता और रामायण का अनुवाद भी है । अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, श्रेष्ठ भारत की एक अच्छी छवि है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि, यहां इस्लाम पर किए जा रहे शोध ने इस्लामिक देशों के साथ भारत के संबंधों को दृढ किया है । वे विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे । प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे ।
Aligarh Muslim University is a leading institution in India. It has helped a lot during the pandemic. AMU and its alumni have made India proud. AMU is a mini India in itself. It has managed to preserve the diversity of this country: PM Narendra Modi. pic.twitter.com/yZXUnZd7lN
— News18 (@CNNnews18) December 22, 2020
मोदी ने आगे कहा कि,
१. देश का इतिहास अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की दीवारों पर अंकित है । जिन छात्रों ने यहां अध्ययन किया है, उन्होंने भारत को पूरे विश्व में प्रसिद्ध किया है । विश्वविद्यालय में पढने वाले छात्रों ने कई बार विदेशों का दौरा किया है । वे गर्व से कहते हैं कि हमने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्ययन किया है। यह विश्वविद्यालय भारत की एक अमूल्य संपत्ति है । इस इमारत से शैक्षणिक इतिहास जुडा हुआ है ।
२. समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं ; किन्तु, जब राष्ट्र के सामने लक्ष्य को प्राप्त करने का उद्देश्य होता है, तो सभी मतभेदों को एक तरफ रखना चाहिए । देश में हर किसी को जाति या धर्म की परवाह किए बिना देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देना चाहिए । इस विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने विचारों को अलग रखकर देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया है । राजनीति समाज का हिस्सा है ; लेकिन देश में समाज, राजनीति और सत्ता से अलग होता है ।