सोशल मीडिया पर उनकी बहुत प्रशंसा हो रही है ।
ईश्वर द्वारा दी हुई कला यह केवल ईश्वर को ही समर्पित करने पर आध्यात्मिक उन्नति होती है । उसका प्रयोग भौतिक प्राप्तिके लिए करने पर व्यवहारिक प्रगति होती है !
पाटलीपुत्र (बिहार) – यहां की २० वर्षीय प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने हिंदी सिनेमा में गाने से मना कर दिया है । ‘मै लोकगायिका होने के नाते पारंपरिक गायन ही जारी रखूंगी’, ऐसा ट्वीट कर उन्होने जानकारी दी है । इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी बहुत प्रशंसा की जा रही है ।
१. प्रसिद्ध लेखिका शेफाली वैद्य ने ट्वीट करके कहा, ‘यह बडा कदम है । इस लडकी का मै बहुत सम्मान करती हूं । मैथिली पर मुझे गर्व है ।’
२. राहुल कुमार नाम के एक यूजर ने ट्वीट कर कहा, ‘मैथिली ने हिंदु धर्म और राष्ट्र का अयोग्य और अपकीर्ति करने वाले हिंदी सिनेमा में गाने से मना किया, इसका हमें गर्व है ।’