उच्चतम न्यायालय का केंद्र सरकार को किसान आंदोलन को लेकर पर्याय
नई दिल्ली – सरकार, किसान संगठनों और अन्य पार्टियों को सहभागी कर एक समिति बनानी चाहिए, कारण जल्द ही यह राष्ट्रीय सूत्र बनने वाला है । इस मामले पर जल्द से जल्द समाधान निकलना चाहिए । अभी तक इस पर समाधान क्यों नही निकल सका ? केवल सरकार के स्तर पर यह प्रश्न हल होगा ऐसा नही लगता, ऐसे शब्दों में उच्चतम न्यायालय ने किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार को सुनाते हुए समिति- स्थापन करने का पर्याय सुझाया है ।”किसान आंदोलनकारियों को रस्तों पर से हटाना चाहिए”, इस विषय पर न्यायालय में प्रविष्ट याचिका पर सुनवाई की गई । उस समय न्यायालय ने यह आदेश दिया । पिछले २१ दिनों से किसान दिल्ली की सीमा पर रस्ता रोककर आंदोलन कर रहे हैं । इस समय न्यायालय ने किसानों को पार्टी बनाने की अनुमति भी दी । इस याचिका पर कल, १७ दिसंबर को अगली सुनवाई होने वाली है । यह याचिका कानून के विद्यार्थी ऋषभ शर्मा ने प्रविष्ट की है । उन्होंने बताया कि, किसान आंदोलन के कारण रस्तों पर जाम लगने से लोग परेशान हो रहे हैं । आंदोलन के स्थान पर सामाजिक अंतर न होने के कारण कोरोना का खतरा भी बढ गया है ।
"Your Negotiation Does Not Work Apparently, We Will Form A Committee To Resolve The issue":Supreme Court On Farmers Protest https://t.co/hWZZ009VWT
— Live Law (@LiveLawIndia) December 16, 2020
केंद्र सरकार को किसानों को हटाने के लिए ,स्थानिक प्रशासन को आदेश देना चाहिए !उच्चतम न्यायालय ने इस समय दिल्ली की सीमा पर अलग-अलग स्थानों पर आंदोलन कर रहे किसानों को हटाने के विषय में केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए बताया कि, किसानों को तत्काल हटाने का आदेश केंद्र सरकार द्वारा प्रशासन को दिया जाना चाहिए । |
१. न्यायालय ने आगे कहा कि, किसानों ने समझा है कि कानून हमारे विरोध में है और केंद्र सरकार ने इस पर खुलकर चर्चा नही की, तो एक समाधान के लिए चर्चा पुन: विफल हो जाएगी । आंदोलन का नेतृत्व करने वाली पार्टी कौन सी है, ऐसा न्यायालय ने इस समय सरकार से पूछा ।
२. इस पर केंद्र की ओर से सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, भारतीय किसान यूनियन आंदोलन का नेतृत्व कर रही है । केंद्र सरकार किसानों के हित के विरोध में कुछ भी नही करेगी । किसानों को आना चाहिए और प्रत्येक कलम पर सरकार से चर्चा करनी चाहिए । वाद-विवाद स्वतंत्र रूप से हो सकते हैं ।
३. इस पर न्यायालय ने सरकार को कहा कि, हम जो बातचीत कर रहे हैं उसका परिणाम होता नही दिख रहा है । केंद्र को समाधान के लिए तैयार रहना चाहिए और चर्चा में किसानों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए । हमें उस संगठन का नाम दें ।
विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है ! – प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १५ दिसंबर को कच्छ में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि, विपक्ष किसानों को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं । उनमें डर निर्माण किया जा रहा है कि, अन्य लोग किसानों की भूमि को अपने कब्जे में ले लेंगे । यदि कोई डेयरी वाला दूध लेने का समझौता करता है, तो क्या वह जानवरों को भी ले जाता है ?, ऐसा प्रश्न उन्होंने किया । ‘सरकार प्रत्येक शंका का समाधान करने को तैयार है’, ऐसा भी मोदीजी ने स्पष्ट किया ।