विश्‍वस्‍तरीय ‘सुर-ताल – हुनर का कमाल’ ‘ऑनलाइन’ संगीत-नृत्‍य प्रतियोगिता

महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की संगीत समन्‍वयक कु. तेजल पात्रीकर एवं
शोध समन्‍ययक कु. प्रियांका लोटलीकर का ‘परीक्षक’ के रूप में सहभाग !

रामनाथी (फोंडा, गोवा) – ‘उर्वशी डान्‍स म्‍यूजिक आर्ट एंड कल्‍चरल सोसाइटी’ की ओर से ‘सुर-ताल – हुनर का कमाल’ नामक विश्‍व स्‍तरीय ‘ऑनलाइन’ संगीत-नृत्‍य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है । इस कार्यक्रम की मुख्‍य आयोजक हैं ‘उर्वशी डान्‍स म्‍यूजिक आर्ट एंड कल्‍चरल सोसाइटी’ की अध्‍यक्ष तथा प्रसिद्ध कत्‍थक नृत्‍यांगना डॉ. रेखा मेहरा ! कोरोना महामारी के काल में कलाकारों को कार्यक्रमों में अपनी कला प्रस्‍तुत करने में सीमा होने से नए कलाकारों को अपनी कला प्रस्‍तुत करने के लिए एक अच्‍छा मंच उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से डॉ. रेखा मेहरा ने इस प्रतियोगिता का आयोजन किया है । इस कार्यक्रम में भारत सहित विविध देशों के नृत्‍य-गायन गुरु और प्रसिद्ध कलाकार परीक्षक के रूप में भाग लेंगे । इस प्रतियोगिता के लिए परीक्षक के रूप में महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की संगीत समन्‍वयक कु. तेजल पात्रीकर और शोधकार्य समन्‍वयक कु. प्रियांका लोटलीकर भी सहभागी होंगी ।

‘सुर-ताल – हुनर का कमाल’ कार्यक्रम का उद़्‍घाटन समारोह १५ नवंबर को संपन्‍न हुआ । इस अवसर पर डॉ. रेखा मेहरा ने कार्यक्रम का उद्देश्‍य बताया, उसके साथ ही गायन एवं नृत्‍य क्षेत्र के गुरुजनों ने इस कार्यक्रम को शुभकामनाएं दीं । कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्री. राहुल ने किया । इस कार्यक्रम को भारत सरकार के सांस्‍कृतिक मंत्रालय का भी समर्थन प्राप्‍त है । इस प्रतियोगिता में ३०० से भी अधिक कलाकार सहभागी हुए हैं । भारतीय कलाआें को प्रोत्‍साहन मिले; इस उद्देश्‍य से इस प्रतियोगिता में केवल भारतीय शास्‍त्रीय और उपशास्‍त्रीय गायन एवं नृत्‍य अंतर्भूत होंगे ।

महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की ओर से नृत्‍य के माध्‍यम से साधना करनेवाली दुर्ग (छत्तीसगढ) की कु. शर्वरी कानसकर एवं कु. अंजली कानसकर, रत्नागिरी (महाराष्‍ट्र) की कु. अपाला आैंधकर, साथ ही जोधपुर (राजस्‍थान) की कु. वेदिका मोदी भी इस प्रतियोगिता में सहभागी हुई हैं । इन तीनों के नृत्‍य के प्रस्‍तुतीकरण के समय डॉ. रेखा मेहरा के साथ ही नृत्‍य-गायन क्षेत्र के मान्‍यवर गुरुजनों ने इन तीनों के नृत्‍य पर प्रसन्‍न होकर उनकी प्रशंसा की ।

इस कार्यक्रम के ऑडिशन का (कलाकार का परीक्षण) पहला प्रयोग १८ नवंबर से आरंभ हुआ । साथ ही आगे भी इस प्रकार की ऑडिशन्‍स होती रहेंगी । इस कार्यक्रम की मुख्‍य आयोजन समिति के सदस्‍य देहली के सर्वोच्‍च न्‍यायालय के अधिवक्‍ता उमेश कुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम में महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय को सहभागी होने का अवसर दिया । महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की ओर से हम उनका आभार प्रकट करते हैं । (७.१२.२०२०)