कोरोना के कारण हुए नुकसान की पृष्ठभूमि पर समाचार पत्र उद्योग की ओर से केंद्र सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग

(प्रतिकात्मक चित्र)

नई दिल्ली – कोरोना के कारण विज्ञापन और वितरण की बडी हानि होने के कारण समाचार पत्र उद्योग राजस्व में गिरावट के अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है । अनेक प्रकाशन बंद हो गए हैं या कुछ संस्करणों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है । यदि यही स्थिति रहती है, तो भविष्य में और प्रकाशन बंद हो सकते हैं । ८ माह में इस उद्योग को लगभग १२ सहस्र ५०० करोड रुपए की हानि हुई है और वर्ष के अंत तक यह १६ सहस्र करोड तक जा सकती है । इस कारण केंद्र सरकार द्वारा समाचार उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाना चाहिए, ऐसी मांग ‘इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी’ के (‘आई.एन.एस. के) अध्यक्ष एल. आदिमूलम् ने की है । आई.एन.एस. अनेक माह से पैकेज की अपेक्षा कर रहा है ।

पैकेज की मांग करते समय उसमें न्यूज प्रिंट, जी.एन.पी. और एल.डबल्यू.सी. प्रकार के कागज पर शेष ५ प्रतिशत सीमा शुल्क को रहित करना, २ वर्ष का कर अवकाश, सरकारी विज्ञापन दरों में ५० प्रतिशत की वृद्धि, बी.ओ.सी. और राज्य सरकार द्वारा जारी प्रिंट मीडिया पर सरकारी खर्च में २०० प्रतिशत की वृद्धि और इसमें राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों के लंबित भुगतान सम्मिलित हैं ।