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हिसार (हरियाणा) – पुरातत्व विज्ञान जर्नल, ‘जर्नल ऑफ अर्कियॉलॉजिकल सायन्स’ में प्रकाशित जानकारी के अनुसार, सिंधु संस्कृति, जिसे दुनिया की सबसे पुरानी मानव संस्कृति के रूप में जाना जाता है, में शाकाहार के बजाय मांसाहार का वर्चस्व था । यहां पाए गए कुछ अवशेषों के अनुसार, गोमांस सबसे व्यापक रूप से खाया जाने वाला मांस था । सिंधु संस्कृति पर चल रहे शोध से यह जानकारी सामने आई है । कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली, अक्षेता सूर्यनारायणन ने अपनी पीएचडी में यह संशोधन किया है । अपने शोध प्रबंध में, उन्होंने ‘नॉर्थवेस्ट इंडिया में सिंधु सभ्यता से मिट्टी के बर्तनों में लिपिड अवशेष’ शीर्षक के तहत यह जानकारी प्रकाशित की है । पुणे में डेक्कन कॉलेज के पूर्व कुलपति और प्रख्यात पुरातत्वविद्, प्रा. वसंत शिंदे, बनारस हिन्दू विद्यापीठ के, प्रा. रवींद्र सिंह के साथ-साथ कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के, मैरीअम कुबा, ओलिवर ई. क्रेग, कार्ल पी. हेरोन, तमसीन सीओ कॉनेल और कैमरून ए. पैट्री अध्ययन के सह-लेखक हैं ।
१. सूर्यनारायणन ने कहा कि, सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान कौनसा भोजन पकाया जाता था, यह उनकी पीएचडी का विषय है । यहां पाए जाने वाले ‘लिपिड’ नामक वसा के अवशेषों के अध्ययन से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है ।
२. उत्खनन में पालतू जानवरों में भैंस सबसे अधिक पाए गए हैं ; ये औसतन ५० से ६० प्रतिशत हैं । इसके साथ ही, १०% भेड़ और बकरियों की हड्डियाँ मिली हैं । गोवंशी हड्डियों के अनुपात से पता चलता है कि, सिंधु संस्कृति के लोग भोजन के रूप में गोमांस पसंद करते थे । (अकेले गायों की हड्डियों से इस तरह के निष्कर्ष निकालना बहुत गलत है । अतीत में, हिन्दू बड़े प्रमाण में पशु पालन करते थे । सिंधु घाटी सभ्यता अचानक गायब हो गई, इसी कारण पशुओं की हड्डियां बडे प्रमाण पर मिलीं हैं, ऐसा परिलक्षित होता है । – संपादक)