पतंजलि, डाबर, झंडू, बैद्यनाथ आदि १३ बडी कंपनियां शहद के नाम पर शक्कर की चासनी बेचती हैं ! – सेंटर फॉर साईंस एंड एनवायरमेंट का दावा

पतंजलि और डाबर ने आरोप का खंडन किया !

बाएं से, सी.एस.ई.की महासंचालक सुनिता नारायण

नई दिल्ली – पूरे देश में बेचे जाने वाले बडी कंपनियों के शहद में मिलावट होती है, ऐसा सेंटर फॉर साईंस एंड एनवायरन्मेंट (सी.एस.ई.)’ इस संस्था की जांच में सामने आया है । इस मिलावट में डाबर, पतंजलि, झंडू, बैद्यनाथ, एपिस, हिमालय ऐसी बडी कंपनियों का समावेश है । इस शहद में शक्कर की चासनी (‘शुगर सिरप’ की) मिलावट की जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती है, ऐसा इस संस्था ने कहा है । इन कंपनियों के शहद में ७७ प्रतिशत मिलावट ध्यान में आई है ।

सी.एस.ई.की महासंचालक सुनिता नारायण ने बताया कि,

१. शहद के संबंध में यह रिपोर्ट भारत और जर्मनी की प्रयोगशाला में हुए अध्ययन पर आधारित है । इसके बाद हमने भी इस विषय में जांच करने के बाद देश के सभी प्रमुख ब्रांड के शहद में बडे पैमाने पर मिलावट है ऐसा हमारे ध्यान में आया । इस दौरान ७७ प्रतिशत नमूनों में शक्कर की चासनी की मिलावट मिली । इस शक्कर की सप्लाई चीन की कंपनी ‘अलीबाबा’ करती है ऐसी जानकारी मिली ।

२. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनन्स स्पेक्ट्रोस्कोपी’ (एन्.एम्.आर.एस्.) जांच के अर्न्तगत शहद की जांच की गई । इस जांच में १३ ब्रांड्स के शहद में से सफोला, मार्कफेड सोहना और नचर्स नेक्टर यह केवल ३ ब्रांड की पास हो सके । शहद में इस प्रकार की गंभीर मिलावट एक प्रकार से ‘फूड फ्रॉड’ (भोजन में घोटाला) है । शहद की शुद्धता जांचने के लिए भारतीय मानकों द्वारा इस प्रकार की मिलावट को पकडना आसान नही है; परंतु चीनी कंपनियां इस प्रकार से शक्कर की चासनी बनाते हैं, जो भारतीय मानक द्वारा आसानी से पकडा जा सकता है । जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।

३. कोरोना के काल में रोगप्रतिकारक शक्ति बढाने के लिए भारतीय नागरिक शहद का अधिक सेवन कर रहे हैं । ऐसे में मिलावट युक्त शहद के कारण वजन और मोटापा अधिक बढ सकता है । इसका गंभीर परिणाम हो सकता है ।

भारत से निर्यात किए जाने वाले शहद की एन्.एम्.आर. जांच १ अगस्त २०२० से अनिवार्य की गई है ।

शहद कंपनियों को बदनाम करने का प्रयास ! – पतंजलि

पतंजलि और डाबर ने इस जांच पर प्रश्नचिन्ह लगाया है । पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते समय कहा कि, हम १०० प्रतिशत प्राकृतिक शहद बनाते हैं, प्रक्रिया किए हुए शहद को अधिक मान्यता मिलनी चाहिए, इसलिए प्राकृतिक पद्धति से शहद बनाने वाली कंपनियों को बदनाम करने का यह प्रयास है ।

जांच की रिपोर्ट प्रायोजित ! – डाबर कंपनी का दावा

डाबर के प्रवक्ता ने कहा कि, हमारी कंपनी की शहद १०० प्रतिशत शुद्ध है और जर्मनी में हुई एन्.एम्.आर. जांच में भी यह यशस्वी रहा था । हमारा शहद हमने तय किए २२ मापदंड को पूरा करता है । हाल ही में जो रिर्पोर्ट सामने आई है, वह प्रायोजित लगती है ।