मुंबई – राजभवन में मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज पठन के लिए राजभवन में एक कक्ष दिया गया है । बाहर के मुसलमान भी नमाज पढने के लिए वहां आते थे । इसलिए शुक्रवार को वहां भीड होती थी । कोरोना के काल में राज्यशासन के निर्देशानुसार राजभवन के प्रार्थनास्थल अन्य प्रार्थनास्थलों के समान बंद हो गए थे । इस पर ‘रजा अकादमी’ नामक मुसलमान संगठन ने एक पत्र के माध्यम से राज्यपाल से मांग की कि मुसलमानों की नमाज हेतु राजभवन की यह मस्जिद खोल दी जाए । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने बताया कि हिन्दू जनजागृति समिति ने भी एक पत्र द्वारा राज्यपाल से मांग की है कि यदि राजभवन में मुसलमानों को मस्जिद अथवा स्थान दिया जाता है, तो सरकार सर्वधर्मसमभाव मानती है और इसीलिए राजभवन में हिन्दुओं को भी उपासना, आरती, पूजा और उत्सव मनाने के लिए बडा स्थान उपलब्ध कराया जाए ।
मा. @maha_governor,आपसे अनुरोध है कि जिसप्रकार राजभवन में मुस्लिमो को नमाज के लिए जगह दी गई है, उसी प्रकार हिंदुओं को भी राजभवन में उपासना के लिए जगह मिलनी चाहिए।
– श्री. सुनील घनवट @SG_HJS , राज्य संगठक,महाराष्ट्र एवं छत्तीसगड,हिंदू जनजागृति समिति@abpmajhatv @JaiMaharashtraN pic.twitter.com/wUwI5ecNz3
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) November 27, 2020
महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री. भगतसिंह कोश्यारी को भेजे गए पत्र में समिति ने कहा कि.
संविधान के अनुसार भारतीय शासन और प्रशासन व्यवस्था धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) है । श्री. घनवट ने आगे कहा, ‘‘सरकार सर्वधर्मसमभाव का पालन करती है । इसलिए किसी भी विशिष्ट जाति-धर्म का पक्ष नहीं ले सकती । संविधान में दिए न्याय, बंधुत्व, समता आदि मूलभूत तत्त्व का पालन करना बंधनकारी है । इसलिए जिस प्रकार राजभवन में मुसलमान कर्मचारियों को एक मस्जिद के लिए स्थान दिया गया है । उसी प्रकार, उसी नियमानुसार हिन्दू कर्मचारियों को भी उनकी संख्या के अनुसार राजभवन में मंदिर के लिए बडा स्थान दिया जाए । जिससे राजभवन के हिन्दू कर्मचारी और बाहर के हिन्दू महाआरती, पूजा, उपासना के साथ ही विविध धार्मिक उत्सव आनंद से मनाएं । इसके साथ ही इस स्थान पर वे नित्य उपासना कर सकेंगे ।’