बृहस्पति और शनि के गठबंधन के फलस्वरूप राजनीतिक दलों और संगठनों के विभाजन की संभावना !

समान नागरिक कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण जैसे मुद्दे बढ रहे हैं ! एक बार पुनः जन आंदोलन प्रज्वलित होने की संभावना !

नई दिल्ली : वर्तमान में बृहस्पति और शनि, दो बड़े ग्रह मकर राशि में एकत्र हैं । ५९ वर्षों बाद, वे मकर राशि में आए हैं । सामान्यतः २० वर्षों बाद, दो ग्रह एक राशि में एक साथ आते हैं । दोनों ग्रह १६ दिसंबर से २५ दिसंबर तक आकाश में बहुत पास से देखे जाएंगे । ऐसा वर्ष १२२६ में हुआ था । अब ८०० वर्षों बाद उनका गठबंधन दिखाई देगा । २१ दिसंबर को दोनों ग्रह एक-दूसरे के बहुत पास होंगे । राजा विक्रमादित्य के ज्योतिषी, वराहमिहिर द्वारा लिखित ‘वृहत संहिता’ के अनुसार, यह गठबंधन बड़े जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ बड़े औद्योगिक घरानों और राजनीतिक दलों और संगठनों के बीच विभाजन का कारण बन सकती है ; ऐसा नवभारत टाइम्स ने बताया।

भारत भी इससे प्रभावित होगा । इससे समान नागरिक संहिता, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण और नागरिकता सुधार अधिनियम जैसे मुद्दे निकट भविष्य में फिर से सामने आ सकते हैं । यह एक बार पुनः एक जन आंदोलन को प्रज्वलित कर सकता है ।

वृहत में कहा गया है,

१. दिसंबर और जनवरी के दूसरे सप्ताह में, सर्दी के मौसम में ठंड के अब तक के अभिलेख टूटने की संभावना है । उत्तर पश्चिमी भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान में तीव्र शीत लहरें चलने की संभावना है ।

२. इस गठबंधन के कारण, यूरोप और वैश्विक स्तर पर मंदी का प्रभाव बढेगा । इसका अगले ५ महीनें तक भारत पर प्रभाव रहेगा ।

३. इस गठबंधन का पाकिस्तान पर अधिक प्रभाव होगा । वहां आगामी समय में सत्ता परिवर्तन के साथ, एक बड़ा जन आंदोलन हो सकता है ।