कट्टरतावादी इस्लामी विचारधारा को रोकने के लिए फ्रान्स में बहुत शीघ्र बनेगा कानून !

  • ‘चार्टर ऑफ रिपब्लिकन वैल्यूज’ नाम से घोषणापत्र तैयार !

  • भविष्य में इमामों के लिए शैक्षिक उपाधियां लेने के साथ ही फ्रेंच भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य !

एक-दो जिहादी आक्रमण होनेपर जागृत होकर उसके विरुद्ध कठोर कदम उठानेवाला फ्रान्स और विगत ३ दशकों से सहस्रों आतंकी आक्रमण सहन कर हाथपर हाथ धरे शांत बैठा हुआ भारत !

इमैन्युयल मैक्रॉन

पैरिस (फ्रान्स) – जिहादी आतंकवाद और कट्टरतावादी इस्लामी विचारधारापर लगाम लगाने हेतु फ्रान्स महत्त्वपूर्ण कदम उठा रहा है । राष्ट्रपति इमैन्युयल मैक्रॉन ने फ्रान्स के मुसलमान नेताओं को ‘चार्टर ऑफ रिपब्लिकन वैल्यूज’ नाम के घोषणापत्रपर हस्ताक्षर करने का आवाहन किया है । इस घोषणापत्र के अनुसार ‘इस्लाम केवल एक धर्म है और उसे किसी भी प्रकार के राजनीतिक आंदोलन के साथ नहीं जोडा जा सकता । फ्रान्स के मुसलमान संगठनों के कामकाज में किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप सहन नहीं किए जाएंगे ।’

१. फ्रान्स का मुसलमान समुदाय और सरकार में मध्यस्थता करनेवाले ‘फ्रेन्च काउन्सिल ऑफ द मुस्लिम फेथ’ (सी.एफ्.सी.एम्.) नामक संगठन को इस घोषणापत्र को वहां के इस्लामी संगठनों में स्वीकार्य बनाने के लिए १५ दिनों का समय दिया गया है ।

२. अंतरराष्ट्रीय समाचारवाहिनी बीबीसी के अनुसार ‘सी.एफ्.सी.एम्.’ने देश में ‘नैशनल काउन्सिल ऑफ इमाम्स’ बनानेपर अपनी स्वीकृति दी है । इन नियमों का उल्लंघन करनेवाले इमामों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ।

३. इस घोषणापत्र के अनुसार फ्रान्स के इमामों के लिए फ्रेंच भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य होगा, साथ ही उन्हें शैक्षिक उपाधियां लेना भी अनिवार्य होगा । राष्ट्रपति मैक्रॉन के अनुसार ‘नैशनल काउन्सिल ऑफ इमाम्स’ की स्थापना होने के ४ वर्ष के अंदर ही तुर्कस्तान, मोरक्को और अल्जीरिया देशों के ३०० इमामों को देश से निकाला जाएगा ।

४. कट्टरतावाद को रोकने हेतु सभी बच्चों को विद्यालय जाना अनिवार्य किया जानेवाला है । इसके लिए प्रत्येक बच्चे को एक परिचयपत्र दिया जाएगा । इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के सभी बच्चे विद्यालय में जा रहे हैं अथवा नहीं ? इन नियमों का उल्लंघन करनेवाले बच्चों के अभिभावकों को ६ महीनों के दंड के साथ ही बडी धनराशि का भुगतान करना पडेगा ।

५. दिसंबर के महीनेमें फ्रान्स की संसंद में इस कानूनपर चर्चा की जानेवाली है ।

६. फ्रान्स शासन के इस निर्णयपर मुसलमान देशों से विरोधी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं ।

जिहादी आतंक

७. पिछले महीने में फ्रान्स में एक शिक्षक द्वारा वर्ग में मोहम्मद पैगंबर के विवादास्पद चित्र दिखाने के कारण वहां के ही एक छात्र ने उस शिक्षक का गला काटकर हत्या की थी । फ्रान्स के अन्य शहरों में भी जिहादी आतंकियों ने आक्रमण किए थे । इसके कारण इससे पहले ही मैक्रॉन ने कट्टरतावादियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाने के संकेत दिए थे ।