तिरुवनंतपुरम (केरल) – केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल पुलिस अधिनियम में धारा ११८ (ए) को शामिल करने के लिए एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं । इस धारा के अनुसार, सामाजिक माध्यम पर किसी व्यक्ति को बदनाम करना, धमकी देना और अपमानित करने से ५ वर्ष तक कारावास या १०,००० रुपये का दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा ।
१. सरकार ने एक वक्तव्य में कहा कि, सामाजिक माध्यमों पर बढ़ते अपराधों को कम करने के लिए अध्यादेश जारी किया गया है । ऐसे अपराधों से निपटने के लिए वर्तमान कानून अपर्याप्त हैं। विशेष रूप से यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा ६६ अ और केरल पुलिस अधिनियम की धारा ११८ (ड) निरस्त करने के उपरांत लिया गया है।
२. इस पर टिप्पणी करते हुए, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि नकली प्रचार, अभद्र भाषा और कुछ व्यक्तियों को लक्षित करने के लिए सामाजिक माध्यमों के बढ़ते दुरुपयोग के कारण यह निर्णय लिया गया।
३. कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि यह संशोधन संचार माध्यमों की स्वतंत्रता पर आक्रमण है। यह अध्यादेश मुक्त भाषण और नागरिक स्वतंत्रता को खतरे में डालता है ।