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विश्व में कहीं भी किसी के द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया जाता है, तो हिन्दुओं को लगता है कि भारत सरकार को तुरंत उस पर ध्यान देकर उसे रोकने के प्रयत्न करने चाहिए ! इसके लिए हिन्दुओं को सरकार पर दबाव डालने की आवश्यकता है !
नई देहली : प्रसिद्ध अमेरिकी रैपर स्टार (गायक) कार्डी बी और रीबॉक जूता निर्माण कंपनी ने जूते का प्रचार करते हुए श्री दुर्गादेवी का अपमान किया है । अष्टभुजा श्री दुर्गादेवी के हाथ में एक जोडा जूते लिए हुए एक चित्र प्रकाशित किया गया है । इस अपमान से हिन्दुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है । जैसे ही यह फोटो प्रसारित की गई, संतप्त हिन्दुओं द्वारा क्रोध तथा आक्रोश व्यक्त किए जा रहे हैं ।
"Like Durga, Cardi B is a dominant female voice at a critical time," the magazine captioned the image of #CardiB https://t.co/Be4LTb6wVT
— THE WEEK (@TheWeekLive) November 11, 2020
The campaign vouched that “Like Durga, Cardi B is a dominant female voice at a critical time” but the mere comparison angered Desi Twitter who didn’t waste time before dragging her. Check out the reactions here.#CardiBhttps://t.co/zcrBaU7kMU
— Mashable India (@MashableIndia) November 11, 2020
१. चित्र के नीचे लिखा है, “इस परिधान में कार्डी बी हिन्दू देवी माता श्री दुर्गादेवी की वंदना कर रही हैं । इस देवी में, आधुनिक समय के साथ-साथ प्राचीन काल का संरक्षण और आंतरिक शक्ति का प्रतीक भी गूंज रहा है । वर्तमान समय में, श्री दुर्गा देवी की तरह ही कार्डी बी एक प्रभावी महिला शक्ति बन गई हैं । (श्री दुर्गा देवी के साथ अपनी तुलना करके कार्डी बी ने हिन्दू देवता का अपमान किया है ! क्या इस तरह वे ईसाई धर्म का अपमान कर सकती हैं? – संपादक)
(सौजन्य : midday india)
(उपरोक्त तस्वीरें और वीडियो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं है। यह तथ्यों को सूचित करने के लिए है। – संपादक)
२. संतप्त हिन्दुओं ने सामाजिक माध्यमों पर अपना तीव्र आक्रोश व्यक्त किया है । इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कुछ धर्माभिमानी हिन्दुओं ने कहा है, ‘‘हिन्दू धर्म में श्री दुर्गा देवी अत्यधिक पूजनीय हैं और इस चित्र में देवी को वीभत्स रूप में चित्रित किया गया है । हिन्दू मंदिर में जूते-चप्पल प्रतिबंधित हैं और कार्डी बी श्री दुर्गादेवी के चित्र में हाथ में जूते पकडे हुए हैं । यह श्री दुर्गादेवी का उपहास है।”