कांगडा (हिमाचल प्रदेश) के श्री बगलामुखी मंदिर को सरकारीकृत करने की अनुशंसा

  • इस देश में अब हिन्दुओं के मंदिरों का सरकारीकरण कर उनमें घोटाले करने की प्रथा ही बन गई है । इसे रोकने हेतु हिन्दुओं को संगठित होकर इसका विरोध करना चाहिए !
  • हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी वहां मंदिरों का सरकारीकरण होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं है, अपितु ऐसे मंदिर भक्तों के नियंत्रण में ही होने चाहिए !
प्रसिद्ध श्री बगलामुखी मंदिर

कांगडा (हिमाचल प्रदेश) – कांगडा के जिलाधिकारी ने हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग) से यहां के प्रसिद्ध श्री बगलामुखी मंदिर का सरकारीकरण करने की अनुशंसा की है । उपजिलाधिकारी देहरा द्वारा प्रस्तुत ब्यौरे के आधार पर उन्होंने यह अनुशंसा की है । इसके अनुसार अब आगे की कार्यवाही आरंभ की गई है ।

१. इस मंदिर में हो रही अनियमितताओं के संदर्भ में शिकायतें मिलने पर उपजिलाधिकारी ने इसकी जांच की और इसमें तथ्य दिखाई दिया । पहले भी इस प्रकार की जांच की गई थी और तब भी अनियमितताएं दिखाई दी थीं; परतुं तब उस ब्यौरे पर कार्यवाही नहीं की गई थी, ऐसा बताया जा रहा है ।

२. इस ब्यौरे में कहा गया है कि मंदिर के नवीनीकरण से संबंधित निर्माणकार्य के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी । इस मंदिर में होनेवाली धार्मिक विधियों के खर्चाें की प्रविष्टियां नहीं रखी जातीं । श्रद्धालु यहां बडी मात्रा में धन अर्पण करते हैं; इसलिए इस मंदिर का सरकारीकरण कर वहां प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति करने की अर्थात मंदिर के न्यास में इस अधिकारी को अंतर्भूत करने की आवश्यकता है ।