परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का विजयादशमी (दशहरा) निमित्त संदेश
‘वर्ष २०२१ ते २०२३ का काल जागतिक विश्वयुद्ध का होगा । इस काल में भारतीय सेना को भी सीमोल्लंघन करना
पडेगा ।
भारतीय सीमा पर युद्ध प्रारंभ होने के पश्चात शत्रु राष्ट्रों के समर्थक बने देशांतर्गत शत्रु अराजकता उत्पन्न करने के लिए गृहयुद्ध भडका सकते हैं । उसी प्रकार देश की दृष्टि से प्रतिकूल इस काल में बाढ, भूकंप, युद्ध आदि के कारण अनेक गांव ध्वस्त होने की संभावना है । ऐसी स्थिति में स्वयं की, परिजनों की और जिस समाज में हम रहते हैं, उस हिन्दू समाज की रक्षा करने के उद्देश्य से पुलिस और सेना की सहायता के लिए घर से बाहर निकलना पडेगा । अनेक वर्षों से ‘मैं भला और मेरा काम भला’, इस मानसिकता में फंसे हिन्दू समाज के लिए यह एक प्रकार का सीमोल्लंघन होगा । हिन्दुओ, प्रतिवर्ष केवल कर्मकांड के लिए शस्त्रपूजन, अपराजितापूजन और सीमोल्लंघन करने की अपेक्षा इस विजयादशमी से हिन्दू समाज की रक्षा तथा देशहित के लिए खरा सीमोल्लंघन करने का निश्चय करें !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक, सनातन संस्था.