(कहती हैं) जो देहली ने छीना है उसे वापस लेंगे !

  • कट्टरपंथी महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को चेतावनी दी और कट्टरपंथियों को उकसाया

  • १४ महीने बाद मुफ़्ती बंदी से मुक्त

  • गैरकानूनी रूप से छीनी गई धारा ३७० पुन: वापस लेने का आवाहन

  • इस तरह की धमकी देकर महबूबा मुफ्ती कानून और व्यवस्था को सीधी चुनौती दे रही हैं । कोई यदि यह सोचे कि सरकार को उन्हें जेल नहीं बल्कि आजीवन कारावास देना चाहिए तो इसमें गलत क्या ?
  • क्या संसद में बहुमत से पारित निर्णय को ‘अवैध’ कहना लोकतंत्र का अपमान नहीं है ? सरकार को मुफ्ती के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए !
महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि देहली ने जो छीना है, उसे वापस लेंगे , ऐसा कहकर उन्होंने कट्टरपंथियों को उकसाया ।

जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटाए जाने के बाद मुफ्ती को गृहबंदी (नजरबंद) में रखा गया था । उन्हें १४ महीने उपरांत १३ अक्तूबर को रिहा किया गया । उसके पश्चात उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो द्वारा यह फुत्कार किया है । इसमें उन्होंने कहा है कि ५ अगस्त, २०१९ के काले दिन पर लिया गया निर्णय मेरे दिल को आघात पहुंचाता रहा । ऐसी ही स्थिति जम्मू और कश्मीर के लोगों की भी होगी । इस सरकार द्वारा उनके साथ किए गए अपमान को जनता नहीं भूलेगी । अब हमें यह निश्चय करना है कि ५ अगस्त को देहली में अवैध रूप से हमसे जो छीना गया, उसे वापस लेना होगा । जम्मू-कश्मीर के लोग इस गैरकानूनी निर्णय को वापस लाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और सहस्रों लोगों की जान लेनेवाले कारण हटाकर रहेंगे । यह संघर्ष सरल नहीं है । मुझे मुक्त करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के कारागृह में रह रहे नागरिकों को तुरंत मुक्त किया जाए ।