अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या के प्रकरण में अनुचित पद्धति से समाचार प्रसारण
चैनल को क्षमा मांगने का आदेश
- एनबीएसए को ऐसे प्रत्येक समाचार वाहिनी पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ! इस तरह के झूठी और सनसनीखेज समाचारों से तंग आकर लोग यदि ऐसे न्यूज चैनेल का बहिष्कार करें, तो आश्चर्य नहीं होगा !
- हिन्दुओं के निर्दोष संतों पर इन चैनलों द्वारा झूठे आरोप लगाए जाते हैं, यदि कोई इन पर बंदी लगाने की मांग करे, तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए !
नई देहली : न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने हिन्दी न्यूज चैनल आजतक पर १ लाख रुपए का दंड लगाया है । अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के एक ट्वीट को प्रसारित करने के कारण यह कार्रवाई की गई । इस चैनल से क्षमायाचना करने और यूट्यूब अथवा अन्य वेबसाइट आदि पर यदि इसकी लिंक हो, तो उसे हटाने का भी आदेश दिया गया है । क्षमायाचना की तिथि, समय और पाठ (टेक्स्ट) एनबीएसए द्वारा निश्चत किया जाएगा । चैनल को यह भी आदेश दिया है कि क्षमायाचना ७ दिनों के अंदर सीडी के माध्यम से प्रस्तुत की जाए ।
[Breaking] Insensitive Reporting On Sushant Singh Rajput's Death: NBSA Imposes Rupees One Lakh Fine On AajTak, Asks Zee News, India TV And News24 To Apologize @aajtak,@ZeeNews,@News24,@indiatvnews https://t.co/wYzxmT1C6G
— Live Law (@LiveLawIndia) October 8, 2020
‘आज तक’ न्यूज चैनल ने १६ जून को अपनी अंतिम ट्वीट पर आधारित, सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु पर एक कार्यक्रम प्रसारित किया था । राजपूत ने आत्महत्या करने से पहले ट्वीट को डिलीट कर दिया था । कार्यक्रम का परिचय देते हुए चैनल ने कहा, सुशांत कैसे हिट विकेट (क्रिकेट में आउट का एक रूप) हो गए ? सुशांत जीवन के क्रिकेट पिच पर कैसे हिट विकेट हो गए?
किसी भी दुखद घटना को सनसनी मत बनाओ ! – (एनबीएसए) ने ‘आज तक’ को फटकार लगाई
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियंत्रित करने वाले एनबीएसए ने कहा कि आजतक ने ट्वीट प्रसारित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया । ‘हिट विकेट’ शीर्षक का प्रयोग करके सुशांत सिंह राजपूत से प्रश्न किए गए थे । वास्तव में वे जीवित नहीं हैं । इसलिए यह शीर्षक आक्रामक है और गोपनीयता का उल्लंघन करता है । यह मृतक की अस्मिता पर आक्रमण है । न्यूज चैनल का कर्तव्य वार्तांकन करना है । उन्हें मृतक के व्यक्तिगत जीवन की सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और किसी भी दुखद घटना को सनसनी नहीं बनाना चाहिए । (यह समाचार चैनलों की पद्धति है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के विषय में भी सनसनीखेज समाचार प्रसारित करते रहते हैं । यह कृति मृतक के शरीर से लाभ लेने जैसा निंदनीय कर्म है ! ऐसे कृत्य में संलग्न लोगों को आजीवन कारावास होना चाहिए ! – संपादक)