बंगाल में कट्टर विचारधारा फैलाकर मुसलमान युवकों को जिहाद के लिए तैयार करने का षड्यंत्र

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच में सामने आई जानकारी

बंगाल को दूसरा बांग्ला देश बनाने का प्रयास हो रहा है; राज्य की तृणमूल कांग्रेस की सराकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, यह संकटकारी है । केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर इस कार्यवाही को नष्ट कर देना चाहिए !


कोलकाता (बंगाल)- पिछले माह राज्य के मुर्शिदाबाद से अल कायदा के ७ आरंकवादियों को पकडा गया था । इसके उपरांत राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने (एनआईए ने) ही राज्य में अधिकतम जांच की है । इसके अनुसार बंगाल के सीमावर्ती जिलों में मुसलमान युवकों को जिहादी विचार धारा की ओर खींचने का प्रयत्न सामने आया है । इसके माध्यम से उन्हें आतंकवाद के लिए तैयार करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है ।

१. पिछले अनेक वर्षों में राज्य में छोटे-छोटे जिहादी संगठनों का निर्माण हुआ है । अपने संगठन में वे मुसलमान युवकों को सहभागी करके उन्हें कट्टर वहाबी विचारधारा सिखा रहे हैं । इसके माध्यम से उन्हें जिहाद के लिए तैयार कर रहे हैं ।

२. एनआईए की ओर से अब पता लगाया जा रहा है कि ये संगठन युवकों की भरती के लिए वैâसे प्रयास करते हैं ? उनके कोई प्रशिक्षण केंद्र हैं क्या ? उनका प्रमुख कौन है ? उनके संगठन में कितने लोग सहभागी है ? आदि ।

३. पिछले कुछ वर्षों में बंगाल के सीमावर्ती जिलों में जनसंख्या द्वारा भूगोल पलटने का प्रयास किया जा रहा है । जिहादी और मौलवी इस सीमा पर सक्रिय रहकर बांग्लादेश और भारत की सीमा पार करते रहते हैं । वे वहां धार्मिक युद्ध के लिए लोगों को तैयार कर रहे हैं ।

४. बांगलादेश में प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार जिहादी विचारधारा के लोगों पर कठोर कार्यवाही करने के कारण वे सीमा पार कर बंगाल आ रहे हैं और वहां मुसलमानों में जिहादी विचार पैâला रहे हैं ।

५. यहां बेरोजगारी अधिक होने के कारण मौलवियों द्वारा मुसलमान युवकों को वहाबी विचारधारा सिखाना सरल होता है । वे पत्रक, वाट्सएप, फलक आदि के माध्यम से प्रचार कर रहे हैं । भारत में इस्लामी राज्य लाने के लिए वे युवकों को प्रेरित कर रहे हैं ।