केरल में बाल पोर्नोग्राफी फैलाने के आरोप में साम्यवादी संगठन के नेता के साथ ४१ बंदी

यह घटना उन साम्यवादियों के चरित्र को दिखाती है, जो झूठे आरोप लगाकर हिन्दू संतों का अपमान करते हैं । इससे यह भी परिलक्षित होता है कि उनके पुरोगामी (अधोगामी ) धर्मनिरपेक्षवादी मित्र इस प्रकरण में चुप हैं !

तिरुवनंतपुरम (केरल) – केरल राज्य में चाइल्ड पोर्नोग्राफी (बालकों के अश्लील चलचित्र एवं छायाचित्र) प्रसारित करने की घटनाओं में वृद्धि हुई है पुलिस ने अब तक ४१ लोगों को बंदी बनाया है, जिनमें ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया´ के नेता ईसा रियाज भी हैं ।


इनमें सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कुछ जानकार भी संलिप्त हैं । उनके पास से इस संबंध में सामग्री भी नियंत्रण में ली गई है । आरोपियों पर सामाजिक प्रसार माध्यमों पर (सोशल मीडिया) बच्चों के नग्न छायाचित्र पोस्ट करने का आरोप है । ये बच्चे ६ से १५ वर्ष की आयु के हैं । राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनोज अब्राहम ने कहा कि राज्य में बाल पोर्नोग्राफी के २६८ प्रकरण दर्ज किए गए हैं । उन्होंने कहा, संचार एवं परिवहन प्रतिबंध के दौरान यह बहुत बढ गया है ।

भारत में बाल पोर्नोग्राफी के संदर्भ में छाया चित्र, चलचित्रादि और अन्य सामग्री प्रसारित करना अपराध है । इसके लिए उन्हें पांच वर्ष का कारावास और १० लाख रुपए तक का दंड हो सकता है ।