दावा है कि छापे में बेहिसाबी ५० लाख रुपए मिले
अब तक भ्रष्ट नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और व्यापारियों के घरों पर छापे मारे गए हैं; किंतु उन्हें कठोर दंड अथवा कारावास हुआ हो, ऐसा कभी भी सुनने में नहीं आया है । क्या यह व्यवस्था की विफलता नहीं है ?
बेंगलुरू (कर्नाटक) – केंद्रीय अन्वेषण ब्युरो ने कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और उनके भाई सांसद डी. के सुरेश के कर्नाटक के ९, मुंबई के १ और देहली के ४ एेसे १४ ठिकानों पर ५ अक्टूबर को छापे मारे । शिवकुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में छापे मारे गए । बेंगलुरू ग्रामीण सांसद डीके सुरेश के घर पर भी केंद्रीय अन्वेषण ब्युरो ने छापा मारा एवं तलाशी ली । शिवकुमार पर आय से अधिक संपत्ति संग्रहित करने का आरोप है । केंद्रीय अन्वेषण ब्युरो ने इस संदर्भ में विशेष अदालत से अनुमति ली थी । जानकारी मिली है कि इन छापों में ५० लाख रुपए मिले हैं ।
CBI recovers Rs 50 lakh in raids at multiple premises of Congress' DK Shivakumar, search still underway https://t.co/9AEnlOPE3J pic.twitter.com/R4bxq7RHeI
— Economic Times (@EconomicTimes) October 5, 2020
इस कदम की आलोचना करते हुए, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि भाजपा हमेशा बदले की राजनीति करती रही है और जनता का ध्यान हटाने का प्रयत्न कर रही है ।
.@BJP4India has always tried to indulge in vindictive politics & mislead public attention.
The latest CBI raid on @KPCCPresident @DKShivakumar's house is another attempt to derail our preparation for bypolls.
I strongly condemn this.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) October 5, 2020
यह हमारे उप-चुनावों की तैयारी को निष्प्रभ करने का एक और प्रयास है । मैं इसकी कडी निंदा करता हूँ ।