मंत्र, यज्ञ एवं संगीत के संदर्भ में वैज्ञानिक अध्‍ययन करनेवाले देहली के मान्‍यवरों के लिए महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की ओर से ‘ऑनलाइन’ प्रस्‍तुतीकरण

कु. प्रियांका लोटलीकर

   नई देहली – मंत्र, यज्ञ एवं संगीत के संदर्भ में वैज्ञानिक अध्‍ययन करनेवाले देहली के मान्‍यवरों के लिए महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की ओर से चल रहे शोधकार्य की जानकारी देनेवाला ‘ऑनलाइन’ प्रस्‍तुतीकरण किया गया । इस अवसर पर महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय के शोध विभाग की समन्‍वयक कु. प्रियांका लोटलीकर ने मंत्र एवं यज्ञ के संदर्भ में विश्‍वविद्यालय द्वारा किए शोधकार्य की जानकारी दी । इसमें अश्‍वमेध यज्ञ, सोमयज्ञ, उच्‍छिष्‍ट गणपति यज्ञ, साथ ही सामवेद गान आदि विषय प्रमुखता से अंतर्भूत थे ।

कु. तेजल पात्रीकर

    महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय के संगीत विभाग की समन्‍वयक कु. तेजल पात्रीकर ने विश्‍वविद्यालय द्वारा गायन, वादन एवं नृत्‍य के संदर्भ में किए शोधकार्य की विस्‍तृत जानकारी दी, साथ ही इस कार्य में वैज्ञानिक स्‍तर पर सहायता करने का भी आवाहन किया । इस प्रस्‍तुतीकरण के आरंभ में महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की जानकारी दी गई ।

मान्‍यवर के अभिमत

अ. अधिवक्‍ता उमेश शर्मा, सर्वोच्‍च न्‍यायालय अ. देहली नगर में सभी संस्‍थाआें के मुख्‍यालय हैं । यहां कला के संदर्भ में महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय द्वारा किए आध्‍यात्‍मिक शोध का प्रस्‍तुतीकरण हो, इसके लिए मैं प्रयास करूंगा ।
आ. अगले सप्‍ताह में मंत्र एवं यज्ञ के संदर्भ में एक स्‍वतंत्र ‘वेबिनार’ आयोजित करने का हमारा मनोदय है । इसके लिए हम विश्‍वविद्यालय की कु. प्रियांंका लोटलीकर को आमंत्रित करेंगे ।
इ. विश्‍वविद्यालय का शोधकार्य आध्‍यात्मिक दृष्‍टिकोण से युक्‍त और दैवी है । इस आध्‍यात्मिक शोधकार्य को शैक्षिक मान्‍यता कैसे मिले; इसके लिए मैं प्रयास करूंगा ।