मुंबई उच्च न्यायालय की गोवा खंडपीठ ने भी घोषित किया मडगांव बमविस्फोट प्रकरण के आरोपियों को निर्दोष !

(बाएं से) सर्वश्री धनंजय अष्टेैकर, दिलीप माणगावकर, विनय तळेकर, विनायक पाटील, प्रशांत अष्टेकर एवं प्रशांत जुवेकर

     मडगांव (गोवा) – मडगांव में वर्ष २००९ में दीपावली की पूर्वसंध्‍या को हुए बमविस्‍फोट के प्रकरण में ६ आरोपियों की निर्दोषता मुंबई उच्‍च न्‍यायालय की गोवा खंडपीठ ने भी स्‍वीकार की ।

     इस प्रकरण में सर्वश्री विनय तळेकर, दिलीप माणगावकर, विनायक पाटील, प्रशांत जुवेकर, धनंजय अष्‍टेकर और प्रशांत अष्‍टेकर, इन ६ जनों को गोवा के विशेष न्‍यायालय ने ३१ दिसंबर २०१३ को निर्दोष मुक्‍त किया था । विशेष न्‍यायालय के इस निर्णय के विरुद्ध राष्‍ट्रीय अन्‍वेषण अभिकरण ने (‘एनआईए’ ने) मुंबई उच्‍च न्‍यायालय के गोवा खंडपीठ में अपील प्रविष्‍ट की थी । इस पर दोनों पक्षों की बहस १६ सितंबर को पूर्ण होकर निर्णय संरक्षित रखा गया था । उसके पश्‍चात १९ सितंबर को उच्‍च न्‍यायालय ने विशेष न्‍यायालय का निर्णय कायम रखते हुए ‘एनआईए’ की अपील खारिज कर दी । इस समय ‘एनआईए’ के पक्ष मेें अतिरिक्‍त शासकीय अधिवक्‍ता प्रवीण फळदेसाई तथा आरोपियों के पक्ष में अधिवक्‍ता संजीव पुनाळेकर और अधिवक्‍ता नागेश जोशी ने पक्ष प्रस्‍तुत किया ।

निर्णय पत्र के प्रमुख सूत्र

१. सनातन संस्‍था ने वर्ष २००१ और वर्ष २००९ में नरकासुर स्‍पर्धा का विरोध किया था । तथापि इन सूत्रों से आरोपियों ने अपराध किया है, यह किसी प्रकार सिद्ध नहीं होता ।

२. आरोपियों द्वारा बमविस्‍फोट षड्‍यंत्र रचने का कोई प्रमाण एनआईए न्‍यायालय के सामने नहीं ला पाया है ।

३. आरोपियों से विस्‍फोटक जप्‍त नहीं हुए हैं और केवल उन्‍होंने विस्‍फोटक नदी में फेंके हैं, यह एनआईए का आरोप ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ के अंतर्गत ग्राह्य नहीं है ।

४. एनआईए द्वारा प्रस्‍तुत परिस्‍थितिजन्‍य प्रमाण अत्‍यंत कमजोर तथा अधूरे हैं ।

५. एनआईए के कुछ सूत्र ग्राह्य मानने पर भी आरोपियों को निर्दोष मुक्‍त करने के विशेष न्‍यायालय के आदेश में परिवर्तन करने की आवश्‍यकता उच्‍च न्‍यायालय को नहीं लगती ।

हिन्‍दू विरोधियों का सनातन को दोषी सिद्ध करने का षड्‍यंत्र पुनः विफल ! – सनातन संस्‍था

श्री. चेतन राजहंस

     फोंडा (गोवा) – मडगांव बमविस्‍फोट प्रकरण में सनातन के ६ निर्दोष साधकों को फंसाने का प्रयत्न गोवा की तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार ने किया था । चार वर्ष अकारण कारावास भोगने के पश्‍चात सत्र न्‍यायालय ने सनातन के इन सभी साधकों को निर्दोष मुक्‍त किया था । इससे संबंधित अपील पर सुनवाई करते समय आज मा. मुंबई उच्‍च न्‍यायालय की गोवा खंडपीठ ने सत्र न्‍यायालय का निर्णय कायम रखते हुए सभी आरोपियों को निर्दोष मुक्‍त किया है । हम न्‍यायालय के इस निर्णय का स्‍वागत करते हैं । इस निर्णय के कारण सनातन संस्‍था की निर्दोषता पुनः एक बार सिद्ध हुई है । भगवा आतंकवाद का मिथ्‍या प्रचार करनेवालों को यह करारा तमाचा है ।