चीन के साथ युद्ध हुआ, तो शिया मुसलमान प्राणों का बलिदान देने के लिए भी तैयार !

शिया धर्मगुरु का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र

  • पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमानों ने शिया मुसलमानों को ‘काफिर’ घोषित कर उनका वंशसंहार करने की घोषणा की है, इसे देखते हुए भारत के शिया मुसलमानों के सामने भारत के साथ रहे बिना दूसरा कोई विकल्प ही नहीं है, इसलिए उन्हें ऐसा बोलना पड रहा है; ऐसा यदि किसी को लगे, तो उसमें आश्चर्य कैसा !

  • हिन्दुओं के धर्मगुरुओं को ऐसा सार्वजनिक रूप से कभी बताना नहीं पडता; परंतु शिया मुसलमानों को ऐसा सार्वजनिक रूप से बताना पडा, इस पर तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादियों को विचार करना चाहिए । उसमें सुन्नी मुसलमानों ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं कहा है, इसकी ओर भी ध्यान देना चाहिए !

नई देहली – पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन में सीमा पर विशेषतःगलवान घाटी में जो संघर्ष चल रहा है, उसका हमारे सैनिक ‘जैसे को वैसा’ उत्तर दे रहे हैं । कारगिल युद्ध में शिया मुसलमानों ने भारतीय सैनिकों की पूरी सहायता की थी । उसी प्रकार लेह, लद्दाख और कारगिल ही नहीं, अपितु पूरे देशभर के शिया मुसलमान भारतीय सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार हैं । देश की सीमाओं की रक्षा के लिए जो कुछ निर्णय लिया जाएगा, हम उसके समर्थन में खडे रहेंगे । हमारा समुदाय भारत की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में भी पीछे नहीं हटेगा । ‘इमाम-ए-जुमा’ तथा शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह आश्वासन दिया है ।