अध्यात्म को जीवन में उतारकर युवा तनावमुक्त बनें ! – सद़्गुरु डॉ. पिंगळेजी
भोपाल (मध्य प्रदेश) – ‘‘वर्तमान में कोरोना का दौर है । कई युवा तनाव की परिस्थिति में जीवनयापन कर रहे हैं । सकारात्मक सोच के साथ मन को शक्ति प्रदान करें, फिर आपके सामने कितना भी बडा पहाड सा लक्ष्य हो, आप मंजिल पा ही लेंगे । अध्यात्म को जीवन में उतारकर युवा तनावमुक्त बनें ।’’ सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी देहली के एलएनसीटी (लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी) में ‘तनावमुक्ति एवं संतुलित जीवन का रहस्य’ विषय पर कम्प्यूटर साइन्स के विद्यार्थियों के लिए ‘ऑनलाइन’ कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे ।
इस अवसर पर एलएनसीटी समूह के सचिव डॉ. अनुपम चौकसे सहभागी हुए । एलएनसीटी के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. अशोक रायजी केे प्रयासों से यह आयोजन संभव हुआ । कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमितबोध उपाध्याय ने किया । इस कार्यशाला के पश्चात कुछ युवकों ने तनावमुक्ति हेतु ऑनलाइन वर्ग की मांग की । इस कार्यशाला का लाभ अनेक विद्यार्थियों ने लिया । इस कार्यक्रम के पश्चात कुछ छात्रों ने तनावमुक्ति हेतु नियमित वॉटसएप पर संदेश भेजने की मांग की तथा ऑनलाइन कार्यक्रम से जुडने के लिए अपना नाम लिखवाया
सद़्गुरु पिंगळेजी द्वारा बताए सफलता के कुछ मंत्र
१. स्वसूचना : छात्रों को परीक्षा में अच्छे गुण लाने और नौकरी की टेंशन होती है । ऐसे युवा स्वसूचना के जरिए पहले मन को सकारात्मक विचारों के साथ प्रबल करें।
२. मन को दिशानिर्देश देना : तनाव को मन से संवाद कर उसे दिशानिर्देश देकर दूर किया जा सकता है ।
३. तनाव स्थिति का पूर्वाभ्यास : परीक्षा से डरनेवाले छात्र प्रत्यक्ष परिस्थिति में मन से जाकर उसका पूर्वाभ्यास करें ।
विद्यार्थियों के अभिमत
१. कु. अपर्णा भर्ती, छिंदवाडा, मध्य प्रदेश : कोरोना के कारण मन में बहुत तनाव था, पर अब अच्छा लग रहा है ।
२. कु. अग्निश कुमार, पटना, बिहार : बहुत अच्छा लगा । जीवन को समझने के लिए उपयुक्त जानकारी मिली ।