भारत और चीन सीमा तनाव को कम करने के लिए पांच-सूत्री कार्यक्रम पर सहमत

सेना की टुकडियों की वापसी प्रक्रिया तेज करने पर चर्चा

पहले स्वयं ही खुराफात करना, पश्चात स्थिति सामान्य करने के लिए चर्चा करना और वापस पुन: घुसपैठ करने का प्रयास करना । भारत के साथ बातचीत करना चीन का व्यवसाय हो गया है । इसलिए सीमा तनाव कम करने के लिए चीन के साथ चर्चा न करें ! उसे सदा याद रहे, ऐसा पाठ पढाना आवश्यक है ।

मास्को(रूस) – चीनी घुसपैठ के कारण लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच टकराव बढ गया है । इसे कम करने के लिए भारत और चीन पांच-सूत्री कार्यक्रम पर सहमत हुए हैं । इसके अतिरिक्त, दोनों देशों द्वारा सीमा पर तैनात सैनिकों की वापसी पर भी चर्चा की गई ।

लद्दाख में तनाव की पृष्ठभूमि पर, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने १० सितंबर को मॉस्को में करीब ढाई घंटे की बैठक की । यहां ५ बिंदु कार्यक्रम पर सहमति हुई । ‘दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखा जाना चाहिए’, ‘सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को तेज करने’ और ‘तनाव कम करने’ जैसे मुद्दों पर दोनों पक्ष सहमत हुए । बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह कहा । इस समय, चीनी विदेश मंत्री ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच संबंध सही दिशा में आगे बढाए जाएंगे ।’ इसमें कोई समस्या नहीं है ।