सेना की टुकडियों की वापसी प्रक्रिया तेज करने पर चर्चा
पहले स्वयं ही खुराफात करना, पश्चात स्थिति सामान्य करने के लिए चर्चा करना और वापस पुन: घुसपैठ करने का प्रयास करना । भारत के साथ बातचीत करना चीन का व्यवसाय हो गया है । इसलिए सीमा तनाव कम करने के लिए चीन के साथ चर्चा न करें ! उसे सदा याद रहे, ऐसा पाठ पढाना आवश्यक है ।
मास्को(रूस) – चीनी घुसपैठ के कारण लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच टकराव बढ गया है । इसे कम करने के लिए भारत और चीन पांच-सूत्री कार्यक्रम पर सहमत हुए हैं । इसके अतिरिक्त, दोनों देशों द्वारा सीमा पर तैनात सैनिकों की वापसी पर भी चर्चा की गई ।
India, China Agree To Honour Existing Border Agreement & Disengage Troops To Ease Tensions At #LAC#IndiaChinaFaceOff #LadakhStandoff #Jaishankarhttps://t.co/u04UHOegCj
— ABP News (@ABPNews) September 11, 2020
लद्दाख में तनाव की पृष्ठभूमि पर, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने १० सितंबर को मॉस्को में करीब ढाई घंटे की बैठक की । यहां ५ बिंदु कार्यक्रम पर सहमति हुई । ‘दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखा जाना चाहिए’, ‘सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को तेज करने’ और ‘तनाव कम करने’ जैसे मुद्दों पर दोनों पक्ष सहमत हुए । बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह कहा । इस समय, चीनी विदेश मंत्री ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच संबंध सही दिशा में आगे बढाए जाएंगे ।’ इसमें कोई समस्या नहीं है ।