सार्वभौमत्व और प्रादेशिक अखंडता से कोई समझौता नहीं होगा !
अंबाला (पंजाब) – वर्तमान में देश की सीमाओं पर जो परिस्थिति है अथवा उसे निर्माण किया जा रहा है, उसे देखते हुए राफेल का भारतीय वायुदल (वायु सेना) में समावेश होना, अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने चीन का नाम न लेते हुए यह चेतावनी दी है कि किसी भी हालत में सार्वभौमत्व और प्रादेशिक अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा । हमारे इस इरादे को पूरा करने के लिए जो भी करना पडेगा, हम उसके लिए तैयार हैं ।
अम्बाला में आज राफेल विमानों के औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर हुई 'सर्वधर्म पूजा' pic.twitter.com/Csc9pvVOET
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 10, 2020
१० सितंबर को विशेष समारोह के साथ ‘राफेल’ इन लडाकू हवाई जहाजों को भारतीय वायुदल (वायु सेना) में समावेश किया गया । इस अवसर पर सर्वधर्म पूजा भी की गई । इसी सुअवसर पर रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने उपरोक्त विधान किए । इस सुअवसर पर फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लारेन्स पार्ली, भारतीय वायुदल (वायु सेना) प्रमुख सी.डी.एस.बिपीन रावत आदि मान्यवर उपस्थित थे ।
Fighter Jet #Rafale was inducted into the Indian Air Force today. Rajnath Singh, French Defense Min Florence Parley were present at the ceremony held at Ambala Airbase. @rajnathsingh said- Raphael has a strong message to the world, especially to those who are watching our rights. pic.twitter.com/OpeN74NXkk
— APN NEWS (@apnnewsindia) September 10, 2020
राफेल के पहले दल में पांच लडाकू हवाई जहाज हैं, जो स्क्वाड्रन और गोल्डन एरो नाम से पहचाने जाएंगे । वर्ष २०१६ में भारत ने फ्रांस के साथ सैंतीस ‘राफेल’ इस लडाकू हवाई जहाज की खरीदी का अनुबंध (समझौता) किया था । उसमें से ये पहले पांच भारत को प्राप्त हुए हैं । शेष समय-समय पर मिलेंगे, ऐसा तय हुआ है ।