श्रीलंका में होनेवाली गोहत्या पर प्रतिबंध लगाएंगे; परंतु गोमांस के सेवन के लिए अनुमति है !

  • गोमांस के आयात पर प्रतिबंध नहीं

  • बौद्ध धर्मियों ने की गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग 

  • भारत में गोमाता का विशेष महत्त्व है । तब भी स्वतंत्रताप्राप्ति के ७३ वर्ष पश्चात भी देश में गोहत्या पर प्रतिबंध नहीं । यह बात अब तक के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद ! जो छोटी-सी श्रीलंका के लिए संभव है, वह भारत क्यों नहीं कर सकता ?
  • भारत में बाघ अथवा हिरण का शिकार किया जाता है तो प्राणी संगठन, शासन, समाचारपत्र तत्परता से उसके विरुद्ध आवाज उठाते हैं; परंतु प्रतिदिन भारी संख्या में होनेवाली गोहत्याओं पर कोई कुछ भी नहीं बोलते अथवा करते, यह ध्यान में लें ! यह स्थिति बदलने हेतु हिन्दू राष्ट्र ही अनिवार्य है !

कोलंबो – श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पूरे श्रीलंका में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है । राजपक्षे ने अपने सत्तारुढ ‘श्रीलंका पोडुजना पेरुमना’ (एस्.एल्.पी.पी.) पक्ष की संसदीय बैठक में घोषणा की । आगे उन्होंने स्पष्ट किया कि गोहत्या पर प्रतिबंध लगे, तब भी गोमांस के आयात और गोमांस के सेवन पर प्रतिबंध नहीं होगा ।

राजपक्षे की सरकार शीघ्र ही इस संबंध में एक विधेयक लाएगी । श्रीलंका में बडी संख्या में बौद्ध धर्मीय हैं और ९० प्रतिशत से अधिक लोग मांसाहार करते हैं । ऐसा बताया जाता है कि हिन्दू और बौद्ध धर्मीय समुदाय गोमांस नहीं खाते । गत अनेक वर्षाें से बौद्ध धर्मीय गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं ।