पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का एम.आई.एम ने विरोध किया

बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार होने का दावा

एम.आई.एम विधायकों ने सभात्याग किया

  • यह घटना साबित करती है कि कट्टरपंथियों के लिए उनका धर्म सबसे पहले है !
  • एम.आई.एम यह नहीं भूल सकती कि बाबरी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया । वे यह भी ध्यान में रखें की हिंदू भी कभी नहीं भूलेंगे कि बाबर ने हिंदुओं के राम मंदिर को ध्वस्त किया था ।

भाग्यनगर – देश के पूर्व प्रधान मंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारतरत्न देने के तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव का एम.आई.एम. ने विरोध किया है। इसके विरोध में, तेलंगाना विधानसभा में एम.आई.एम. के विधायकों ने सभात्याग किया, तथापि विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया ।

इस बारे में एम.आई. एम. के महासचिव एवं विधायक सैयद अहमद पाशा कादरी ने ए.एन.आई इस समाचार एजेंसी से बात करते हुए, कहा कि १५ फरवरी, २००५ को नरसिम्हा राव के निधन के बाद, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी ने शोक प्रस्ताव पारित किया था, उस समय हमारी पार्टी ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। पार्टी के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “बाबरी मस्जिद के विध्वंस को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से भारतीय मुसलमान अभी भी नाखुश हैं ।’’  कादरी ने आगे कहा कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस की घटना को इतिहास कभी नहीं भूलेगा। यह घटना तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की निष्क्रियता के कारण ही हुई थी । नरसिम्हा राव हिंदुत्ववादी शक्तियों के उदय के लिए जिम्मेदार हैं ।