सूडान में ३० वर्षाें से चला आ रहा इस्लामी शासनतंत्र हुआ समाप्त : धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र अपनाया जाएगा

  • इस्लामी कानून भी निरस्त किए जाएंगे

  • सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जाएंगे 

सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक

खार्ताेम (सूडान) – अफ्रीका उपमहाद्वीप के उत्तर में स्थित इस्लामी राष्ट्र सूडान की सरकार ने देश में विगत ३० वर्षाें से चले आ रहे इस्लामी शासनतंत्र को समाप्त करने का निर्णय लिया है । उसके स्थानपर अब वहां धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र अपनाया जाएगा । अब वहां धर्म और सरकार के मध्य के संबंध समाप्त किए जाएंगे और उसी आधार पर नया संविधान बनाया जानेवाला है । इस निर्णय के कारण अब सूडान के सत्ताधारी किसी भी विशिष्ट धर्म से संबंधित नहीं होंगे । सूडान में ९८ प्रतिशत जनसंख्या इस्लामी है ।

‘ब्लमुबर्ग’ द्वारा दिए गए समाचार के अनुसार सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक और विपक्ष ‘सूडान पीपल्स लिबरेशन मूवमेंट नॉर्थ’ के नेता अब्दुल-अजीज अल हिलू ने इस संदर्भ के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं । इस घोषणापत्र में इसके आगे ‘सूडान लोकतांत्रिक देश होगा । इसके अंतर्गत यहां के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जाएंगे, साथ ही यहां का संविधान और धर्म का एक-दूसरे के साथ किसी प्रकार का संबंध नहीं होगा’, ऐसा कहा गया है । आरंभ में विरोधी दलों ने सरकार के इस निर्णय का तीव्र विरोध किया; परंतु जब सरकार ने उनसे चर्चा की, उसके पश्चात केवल एक सप्ताह के अंदर ही उनका विरोध समाप्त हो गया । ‘सूडान पीपल्स लिबरेशन मूवमेंट नॉर्थ’ के २ समूहों में से एक समूह ने धर्मनिरपेक्ष कार्यपद्धति अपनाने से संबंधित इस अनुबंधोंपर हस्ताक्षर करना अस्वीकार किया है; परंतु मुख्य समूह द्वारा हस्ताक्षर किए जाने से सरकार के सामने उत्पन्न समस्या का कुछ मात्रा में समाधान हुआ है ।

हुकूमशाह उमर-अल् बाशीर

वर्ष १९८९ में सूडान में तानाशाह उमर-अल बशीर ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था । जिसके पश्चात वहां बहुत अशांति का वातावरण बन गया था । उसके कार्यकाल में सूडान में आतंकी संगठन अल कायदा और कार्लाेस के शिविर थे । इसके कारण वर्ष १९९३ में अमेरिका ने सूडान को आतंकवाद का समर्थन करनेवाले देशों के सूची में अंतर्भूत किया था । इसी कारण वर्ष सूडान २०१७ में अमेरिका ने सूडान पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे । अब इन प्रतिबंधों को हटाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।