(कहते हैं) ‘यदि आप इस्लाम के पक्ष में खडे रहेंगे, तो आप आई.एस.एस. और आई.पी.एस. अधिकारी बन सकते हैं !’- डॉ. जाकिर नाइक का मुसलमानों को परामर्श

देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बडी संख्या में आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अधिकारी बन रहे हैं । यदि उनमें से कुछ ही लोगों ने डॉ. जाकिर के सुझाव का पालन किया, तो क्या स्थिति होगी, इसपर केंद्र सरकार को विचार करना पडेगा !

डॉ. जाकिर नाइक

नई देहली : यदि आप को आई.ए.एस. (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और आई.पी.एस. (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी बनना है, तो आपको इस्लाम के पक्ष में खडा रहना पडेगा । आतंकियों के लिए आदर्श डॉ. जाकिर नाइक ने एक वीडियो प्रसारित कर भारतीय मुसलमानों को यह परामर्श दिया है । डॉ. जाकिर आजकल मलेशिया में है तथा उसने वहां से यह वीडियो प्रसारित किया है ।

१. इस वीडियों में एक व्यक्ति डॉ. जाकिर से प्रश्न पूछता है कि क्या आई.ए.एस. अधिकारी बनना संभव है ? इस पर डॉ. जाकिर उत्तर देते हुए कहता है कि ‘यह असंभव नहीं है; परंतु कठिन अवश्य है । कोई मुसलमान ऐसा अधिकारी बन जाए, तो वह अपने सहयोगियों से घबराएगा । जब उसके सहयोगी इस्लाम अथवा पैगंबर के संदर्भ में कुछ आपत्तिजनक कृत्य करेंगे, तो क्या आप उन्हें उत्तर दे सकेंगे ? क्या उस समय आपमें यह साहस होगा ? यदि आप कायर और शर्मीले होंगे, तो आप ऐसी नौकरी ही न करें । यदि आप उन्हें उत्तर देने की क्षमता रखते हों और दृढ हों, तभी आप आगे बढ सकते हैं । आप एक सशक्त व्यक्ति हों और गैरमुसलमान व्यक्तियों की आलोचना का सामना करने की क्षमता रखते हों, साथ ही आप रिश्वतखोरी से दूर रह सकते हैं, तो आप ऐसी नौकरी कर सकते हैं ।

२. इस अवसरपर डॉ. जाकिर ने कुछ मुसलमान अधिकारियों के उदाहरण दिए, जो इस्लाम के तत्त्वों का पालन करने में असमर्थ रहे हैं ।

३. डॉ. जाकिर ने यह भी आरोप लगाया कि सभी नहीं; परंतु अधिकांश आई.पी.एस. अधिकारी भ्रष्ट होते हैं । यदी कोई प्रामाणिक भी हो, तो उसे भ्रष्ट बनना पडता है अथवा नौकरी छोडनी पडती है; क्योंकि वहां का वातावरण ही ऐसा है कि यदि आप अन्य अधिकारियों के साथ सहमत न हों, तो वे आपका जीना कठिन कर देते हैं ।