बेंगलुरू आर्चबिशप पर ईसाई संगठन द्वारा सहस्रों करोड रुपए के घोटाले का आरोप

  • ईसाइयों के पादरी यौन शोषण करते हैं और घोटाले भी करते हैं; परंतु तब भी उनके विरुद्ध कोई नहीं बोलता ! साथ ही फिल्मों में भी उनकी प्रतिमा बुरी नहीं दिखाई जाती, इसे ध्यान में रखें !
  • ईसाई संगठन के द्वारा ही यह आरोप लगाए जाकर भी धर्मनिरपेक्षतावादी चुप हैं, इसे ध्यान में रखें !
आर्चबिशप पीटर मेकोडा

बेंगलुरू (कर्नाटक) – यहां के ‘कर्नाटक कैथोलिक क्रिश्चियन एसोसिएशन’ ने बेंगलुरू आर्चबिशप पीटर मेकोडा पर करोडों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है । स्वयं पोप फ्रान्सिस ने मेकोडा को आर्चबिशप नियुक्त किया है । मेकोडा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध किया था ।

. ‘ए.के.सी.के.’ ने प्रवर्तन निदेशालय से इस घोटाले की जांच करने की मांग की है । इस संगठन ने ‘आशा धर्मार्थ ट्रस्ट’ पर २२ सहस्र ४७ करोड ९६ लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया है । इस संगठन के प्रमुख मेकोडा हैं ।

२. इन आरोपों के संदर्भ में मेकोडा ने कहा कि मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं । मेरे पास छिपाने जैसा कुछ नहीं है । यह राई का पर्वत बनाने का प्रयास हो रहा है । उन्होंने दावा किया है कि मैंने ही एक घोटाले की जानकारी मिलने पर न्यास के एक अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की थी । इस संदर्भ में बेंगलुरू पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है ।

३. इससे पूर्व वर्ष २०१८ में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मेकाडो और मैसूर के बिशप के.ए. विल्यम को ४९ करोड ५० लाख रुपए के घोटाले के प्रकरण में दोषी सिद्ध किया था । उन्होंने बाढग्रस्तों की सहायता के लिए चंदे के रूप में ये पैसे इकट्ठा किए थे । (यह है ईसाई पादरियों का वास्तविक स्वरूप ! चंदे के नामपर पैसे इकट्ठा कर उसकी लूट करना ! इस संदर्भ में भारत के तथाकथित आधुनिकतावादी और धर्मनिरपेक्षतावादी प्रसारमाध्यम मुंह नहीं खोलते । यहां यदि कोई हिन्दू पुजारी होता, तो ये लोग तुरंत ही हिन्दू धर्मपर कीचड उछालते ! – संपादक)