‘आपातकाल और उसके लिए आवश्‍यक तैयारी’ विषय पर हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से ‘ऑनलाइन बैठक’ के माध्‍यम से जागृति

देहली – आज संपूर्ण विश्‍व अनपेक्षित रूप से फैली कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है; परंतु सनातन हिन्‍दू धर्म के द्रष्‍टा संतों ने आपातकाल के संदर्भ में पहले ही सबकुछ लिखकर सूचित किया है । धर्मप्रेमी हिन्‍दुआें को इस ज्ञान का लाभ मिले और आपातकाल का सामना करने की उनकी तैयारी हो; इस उद्देश्‍य से आगरा के धर्मप्रेमी श्री. दीपक सत्‍संगी ने एक ‘ऑनलाइन बैठक’ का आयोजन किया था । इस बैठक के लिए आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, देहली, हरिद्वार जैसे विविध स्‍थानों से धर्मप्रेमी जुडे थे । समिति के श्री. श्रीराम लुकतुके ने आपातकाल क्‍या है और प्राकृतिक आपदाएं और मनुष्‍य-निर्मित आपदाएं क्‍या होती हैं, इसे उदाहरण देकर स्‍पष्‍ट किया । उन्‍होंने यह भी बताया कि सेक्‍युलर एवं पाश्‍चात्‍य शिक्षाप्रणाली के कारण आज हिन्‍दू अपने धर्म को भूल गए हैं और ऐसी घटनाआें पर आध्‍यात्मिक परिप्रेक्ष्य में विचार करना आवश्‍यक है । उन्‍होंने आपातकाल का सामना करने हेतु शारीरिक, मानसिक और भौतिक तैयारी के साथ ही आध्‍यात्मिक तैयारी करने के लिए साधना अनिवार्य होने की बात बताई । इस मार्गदर्शन में ‘नामजप का महत्त्व’ और ‘कौन सा नामजप करना चाहिए’, इसकी जानकारी दी गई, साथ ही प्रति सप्‍ताह होनेवाले ‘ऑनलाइन’ साधना सत्‍संग और धर्मशिक्षा के संदर्भ में भी जानकारी दी गई ।

क्षणिकाएं
१. धर्मप्रेमी श्री. दीपक सत्‍संगी ने इस ‘ऑनलाइन’ बैठक की संपूर्ण तैयारी की ।
२. उपस्‍थित जिज्ञासुआें ने उत्‍स्‍फूर्तता के साथ प्रश्‍न पूछकर अपनी शंकाआें का निराकरण करवाया ।
३. सभी जिज्ञासु बैठक में पूरे डेढ घंटे उपस्‍थित थे ।