आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के संगठनों ने की राष्ट्रप्रेमी समाचारवाहिनी ‘सुदर्शन टीवी’ के विरुद्ध कार्यवाही करने की द्वेषमूलक मांग

‘सुदर्शन टीवी’ पर प्रसारित होने जा रहा ‘नौकरशाही में जिहाद’ नामक कार्यक्रम के ‘भडकाऊ’ होने का दावा

  • देश में अनेक ‘जिहाद’ चल रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है; परंतु इन आईएएस और आईपीएस संगठनों ने क्या कभी इसका विरोध किया है ? देश का प्रशासन अपने हाथ में रखनेवाले आईपीएस और आईएएस अधिकारी क्या कभी इसके संदर्भ में अपना मुंह खोलते हैं ? 
  • कार्यक्रम प्रसारित होने से पहले ही उसका विरोध करने को तो पूर्वाग्रह से उत्पन्न द्वेष ही कहना पडेगा !
  • कश्मीरी आईएएस अधिकारी शाह फैसल कश्मीरी विभाजनवादियों का समर्थन करते थे । यह बात अन्य आईएएस अधिकारियों को कैसे मान्य होती थी ? उस समय आईएएस अथवा आईपीएस अधिकारियों ने उसका विरोध क्यों नहीं किया ? ऐसे अनेक उदाहरण हैं । प्रशासन में व्याप्त ऐसे राष्ट्रघाती अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की आवश्यकता है !

नई देहली – ‘सुदर्शन टीवी’ समाचारवाहिनी पर ‘सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की ‘घुसपैठ’ और ‘नौकरशाही में जिहाद कैसे चल रहा है ?’, इस पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है । प्रशासनिक सेवा के अनेक सनदी अधिकारी और आईपीएस एसोसिएशन ने ‘सुदर्शन टीवी’ के प्रमुख संपादक सुरेश चव्हाणके की आलोचना की है । साथ ही इन अधिकारियों ने सुरेश चव्हाणके के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है ।

इन अधिकारियों का कहना है कि ‘सुदर्शन टीवी’ पर दिखाई जानेवाली यह रिपोर्ट विद्वेषपूर्ण और भडकाऊ है । आईपीएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा है कि चव्हाणके की यह रिपोर्ट निंदनीय है तथा यह धार्मिक और दायित्वशून्य पत्रकारिता का ठोस उदाहरण है । (राष्ट्रहित के परिप्रेक्ष्य में सरकार अथवा प्रशासन की चूकें अथवा त्रुटियां दिखाना दायित्वशून्य पत्रकारिता कैसे हो सकती है ? ऐसी समाचारवाहिनी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करना ही दायित्वशून्य आचरण है ! – संपादक)

१. सुरेश चव्हाणके ने ‘नौकरशाही में जिहाद के संबंध में रिपोर्ट देखिए’ बोलकर यह वीडियो ट्वीट किया, जिसमें ‘केंद्रीय लोकसेवाओं में मुसलमानों ने कैसे ‘घुसपैठ’ की, आईएएस एवं आईपीएस में मुसलमानों की संख्या अकस्मात कैसे बढी, अत्यंत कठिन परीक्षा में भी उन्हें सर्वाधिक अंक कैसे मिले, वे ‘रैंक’ में कैसे आए, क्या है इसका रहस्य ?, यह दिखाया गया है ।

२. ‘इंडियन पुलिस फाऊंडेशन’ ने ‘न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड ऑथरिटी’ सुरेश चव्हाणके के विरुद्ध कडी कारवाई करने की मांग की है । उन्होंने ट्वीट कर ‘अल्पसंख्यक विरोधी और विषैली टिप्पणी करनेवाले इस वीडियो को रिट्वीट न करें, साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड ऑथरिटी पर कडी कार्यवाही करने की मांग की है । (महाराष्ट्र में ‘अल्पसंख्यकों ने पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया, कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों पर आक्रमण किया और इतना ही नहीं, अपितु मुंबई दंगे के समय महिला पुलिसकर्मियों का शीलभंग किया । तब पुलिसकर्मियों के संगठन ने क्या शौर्य दिखाया ? अतः इस संगठन के उद्देश्य के प्रति जनता के मन में प्रश्न उठे, तो अनुचित क्या है ? – संपादक)