- ऐसे फतवे निकालने के लिए क्या यह पाकिस्तान अथवा बांग्लादेश है ? ऐस लोगों के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस कार्रवाई करेगी कि राजनीतिक लाभ के लिए उनका समर्थन करेगी ?
- तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी और निरंतर संविधान के संबंध में बोलनेवाले आधुनिकतावादी इस पर क्यों नहीं बोलते ?
कोलकाता (बंगाल) – बंगाल के मुर्शिदाबाद जनपद में अद्वैतनगर नामक एक गांव है, इस गांव की जनसंख्या लगभग १२ सहस्र है । यहां के धर्मांध ग्रामप्रमुख ने गांव में दूरचित्रवाणी देखना (टेलीविजन देखना), कैरम खेलना, लॉटरी खरीदना और भ्रमणभाष एवं संगणक का उपयोग कर संगीत सुनने आदि पर प्रतिबंध लगाने का फतवा निकाला है । सामाजिक सुधार समिति के नाम पर इस फतवे का उल्लंघन करनेवाले को ५०० रुपए से ७ सहस्र रुपए तक आर्थिक दंड और कान पकडकर उठक बैठक लगाने का दंड दिया जानेवाला है । इस संबंध में शमशेरगंज ब्लॉक के विकास अधिकारी जयदीप चक्रवर्ती बोले ‘यदि किसी ने कानून हाथ में लिया, तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।’
१. अद्वैतनगर सामाजिक सुधार समिति के सचिव अजरुल शेख बोले कि युवा पीढी की नैतिक और सांस्कृतिक अधोगति के लिए जो वर्तन उत्तरदायी हैं, उनका अवलंब रोकने के लिए हमने अनेक उपक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है ।
२. समिति ने ९ अगस्त को यह फतवा निकाला है और गांव के कोने कोने में प्रतिबंध लगाने की जानकारी देनेवाले पत्रक भी लगाए हैं । इस पत्रक में यह चेतावनी दी गई है कि यदि स्थानीय लोग इस फतवे का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें इसके परिणाम भोगने पडेंगे ।
३. इस फतवे में उल्लेख किया गया है कि यदि कोई दूरचित्रवाणी (टेलीविजन) देखते और संगीत सुनने के लिए भ्रमणभाष अथवा संगणक का उपयोग करते हुए दिखाई दिया तो उसे १ सहस्र रुपए का दंड देना होगा । यदि कोई व्यक्ति शराब पीते हुए मिला, तो उसे दंड स्वरूप २ सहस्र रुपए देने पडेंगे तथा साथ ही कान पकडकर १० उठक बैठक लगाने का दंड भी दिया जाएगा ।
४. स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के पंचायत प्रधान अब्दुर रऊफ बोले कि उन्हें इस फतवे में कुछ भी अनुचित नहीं लगा । (यह है तृणमूल कांग्रेस का वास्तविक चेहरा ! – संपादक)