जमानत स्वीकार होने पर भी आरोपी को अवैध रूप से कारागृह में रखनेवाले तिहाड कारागृह के अधिकारियों को देहली उच्च न्यायालय ने फटकारा

कानूनद्रोही पुलिस !

इन अधिकारियों ने इस व्यक्ति को जितने दिन अवैध रूप से कारागृह में रखा था, उतने ही दिन इन अधिकारियों को कारागृह में कैद करना चाहिए !

नई देहली – जमानत मिलने के पश्चात भी एक व्यक्ति को अवैध रूप से कैद में रखने पर देहली उच्च न्यायालय ने तिहाड कारागृह के अधिकारियों को फटकारते हुए सरकार को आदेश दिया है कि ‘ऐसे अधिकारियों को उनके कर्तव्य, दायित्व और कैदियों के अधिकारों के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाए ।’ तिहाड कारागृह के अधिकारियों ने इस प्रकरण में देहली उच्च न्यायालय से बिना शर्त क्षमा मांगी है ।

यह प्रकरण ‘चेक बाउंस’ के (धनादेश का भुगतान न होने के) प्रकरण से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति को १८ मई २०२० को न्यायालय ने जमानत दी थी; परंतु एक महीना से भी अधिक अवधि पार होने के पश्चात अर्थात २५ जून को उसे छोडा गया । कारागृह के अधिकारियों ने कहा था कि ‘आवश्यक जमानत की व्यवस्था करने में सक्षम न होने के कारण उस व्यक्ति को छोडा नहीं जा सकता । तिहाड अधिकारियों के इस अयोग्य स्पष्टीकरण के कारण देहली सरकार के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने न्यायालय से बिना शर्त क्षमा मांगी है ।