योगी आदित्यनाथ के इस उद्गार के पश्चात क्रोध से समाजवादी दल का पैर पटकना !
लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास के कार्यक्रम में मुझे कोई बुलाएगा भी नहीं और मैं जाऊंगा भी नहीं । यदि मैं उस स्थान पर जाऊंगा, तो अनेक लोगों की दुकानों में ताले लग जाएंगे, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा मत व्यक्त किया था । इसके पश्चात विरोधी दल योगी आदित्यनाथ से क्षमा मांगने की हठ कर रहे हैं । श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराममंदिर भूमिपूजन के उपरांत पत्रकारों ने उन्हें प्रश्न पूछा था कि ‘क्या आप मस्जिद के शिलान्यास में जाएंगे ?’ तब योगी आदित्यनाथ ने उक्त उत्तर दिया था ।
१. समाजवादी दल के प्रवक्ता पवन पांडेय बोले कि इस प्रकार बोलकर योगी आदित्यनाथ ने अपने मुख्यमंत्रीपद की शपथ का उल्लंघन किया है । वे केवल हिन्दुओं के नहीं, अपितु संपूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री हैं । उनके इस वक्तव्य के लिए उन्हें क्षमा मांगनी चाहिए । (राज्य में समाजवादी दल की सरकार थी, तब वे केवल मुसलमानों के विकास के लिए काम कर रहे थे, यह हिन्दू जानते हैं । इसलिए समाजवादी दल के नेता पहले यह बताएं, कि जब वे सत्ता में थे, तब उन्होंने शपथ का कितना पालन किया था ! समाजवादी दल की स्थापना ही मुसलमानों की चापलूसी के लिए हुई है । वर्ष १९९० मेें समाजवादी दल की सरकार के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने ही कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं तथा उनके शवों पर पत्थर बांधकर सरयू नदी में डुबो दिए थे, यह इतिहास हिन्दू जानते हैं – संपादक)
२. कांग्रेस के माध्यम संयोजक लल्लन कुमार बोले कि योगी आदित्यनाथ द्वारा मस्जिद पर किए गए विधान पर हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है । (कांग्रेस ने केवल मुसलमानों की चापलूसी की है तथा हिन्दुओं को दुत्कारा है, इसलिए अब वे किस मुंह से इस पर बोलेंगे ? – संपादक) प्रभु श्रीराम सभी के हैं; परंतु ‘वे केवल भाजपा के हैं’, यह दिखाने का प्रयत्न दल द्वारा हो रहा है तथा यह उनकी गलतफहमी है । (कांग्रेस ने सर्वाेच्च न्यायालय में लिखकर दिया था कि ‘प्रभु श्रीराम काल्पनिक हैं ।’ अब वही कांग्रेस कह रही है कि ‘प्रभु श्रीराम सबके हैं’, इसे हास्य ही कहना पडेगा ! – संपादक)