युद्धकाल में सत्त्वगुणी हिन्दुआें की रक्षा करने की तैयारी करें !
नवम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में उपस्थित सर्व धर्मबंधुआें को मेरा नमस्कार ! हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का ध्येय रखकर आप सभी त्याग कर रहे हैं । वर्ष २०२३ में इस त्याग का फल निश्चित ही हमें हिन्दू राष्ट्र के रूप में मिलेगा ।
कुछ अच्छा होने से पहले अनिष्ट समय का सामना करना पडता है । इसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना से पहले, वर्ष २०२१ से २०२३ के बीच भारत को और भारत के हिन्दुआें को युद्धकाल का सामना करना पडेगा ।
युद्धकाल का अर्थ है तृतीय विश्वयुद्ध, सीमाआें पर युद्ध और गृहयुद्ध का काल ! इस काल में भारी जनहानि होने की आशंका है । इस युद्धकाल में हिन्दुत्वनिष्ठों को सीमा पर तैनात सैनिकों की भांति देश के नागरिकों की रक्षा करने का दायित्व निभाना होगा ।
ऐसे संकटकाल में प्रत्येक की रक्षा करना संभव नहीं; इसलिए प्रधानता से संत, साधना करनेवाले, सत्त्वगुणी, धर्मप्रेमी और देशभक्त हिन्दुआें की ही रक्षा करें ! यही कालानुसार साधना है ! युद्धकाल के उपरांत हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अवश्य होगी, यह श्रद्धा रखें !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक, सनातन संस्था. (२१.७.२०२०)