प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राममंदिर का भूमिपूजन करना संविधान की शपथ का उल्लंघन ! – गुस्से से असदुद्दीन ओवैसी का पैर पटकना

  • हज यात्रा के लिए अनुदान लेते समय, सच्चर आयोग द्वारा दी गई सुविधाएं लेते समय ओवैसी को क्या संविधान का उल्लंघन नहीं लगता ?
  • संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने के अधिकार दिया है । प्रधानमंत्री एक हिन्दू हैं और वे उनके धर्मानुसार कृति कर रहे हों, ऐसे में ओवैसी द्वारा उनका विरोध करना संविधान का अपमान ही है !
प्रधानमंत्री मोदी और असदुद्दीन ओवैसी

नई देहली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वैधानिक रूप से रामजन्मभूमि पर राममंदिर के भूमिपूजन के कार्यक्रम में सम्मिलित होना, यह उनके द्वारा ली गई संविधान की शपथ का उल्लंघन होगा । धर्मनिरपेक्षता संविधान का मूल है, ऐसे शब्दों में एमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी का विरोध किया है ।

बाबरी का टूटना हम नहीं भूलेंगे !

बाबर ने भव्य राममंदिर तोडकर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था, हिन्दू भी यह भूले नहीं हैं ! उन्होंने ४०० वर्षों तक उसके विरुद्ध संघर्ष किया है । अंत में न्यायालय ने उनका कहना स्वीकार करते हुए उनके पक्ष में निर्णय दिया है, यह ओवैसी को सदैव ध्यान में रखना चाहिए !

ओवैसी ने आगे कहा कि, हम यह कदापि नहीं भूल पाएंगे कि अयोध्या में ४०० वर्षों से बाबरी मस्जिद खडी थी और वर्ष १९९२ में एक अपराधी भीड ने उसे तोडा । (वर्ष १९९२ में बाबरी का ढांचा तोडनेवाले यदि अपराधी हैं, तो राममंदिर तोडनेवाला बाबर तथा हिन्दुआें के सैकडों मंदिर तोडनेवाले कौन थे, ओवैसी को यह बताना चाहिए ! – संपादक)