- गत ७२ वर्षों में बाढ की स्थिति को नियंत्रित न कर पाना, अभी तक की सर्वदलीय सरकारों के लिए लज्जाजनक !
- ‘स्मार्ट सिटी’ की शेखी बघारनेवाले प्रशासन के लिए यह चित्र लज्जाजनक !
गुवाहाटी (असम)/ पाटलीपुत्र (पटना, बिहार) – निरंतर होनेवाली वर्षा के कारण आसाम और बिहार राज्यों में बाढ परिस्थिति उत्पन्न हो गई है । इन दोनों राज्यों की गंभीर बाढस्थिति को देखते हुए यहां ‘एनडीआरएफ’ को बुलाया गया है । ‘एनडीआरएफ’ के सैनिकों ने अभी तक ९५ सहस्र से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है । मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक यहां मूसलाधार वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है । इसलिए नागरिकों में चिंता व्याप्त है ।
आसाम के ३३ में से २६ जनपद बाढग्रस्त : २ सहस्र ५२५ गावों को बाढ के पानी ने घेरा
आसाम में बाढ ने कुहराम मचाया है तथा वहां के ३३ मे से २६ जनपद बाढग्रस्त हो गए हैं । बाढ के कारण अभी तक यहां १२९ लोगों की मृत्यु हो चुकी है । राज्य के बारपेटा, डिब्रूगढ, कोकराझार, बोंगाईगाव और तिनसुकिया आदि जनपद सर्वाधिक प्रभावित हैं । वर्तमान में यहां ब्रह्मपुत्र नदी खतरे की सीमा के ऊपर बह रही है । इसलिए राज्य के २ सहस्र ५२५ गावों को बाढ के पानी ने घेर लिया है । अति वर्षा के कारण सवा लाख हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है । राज्यपाल जगदीश मुखी ने २३ जुलाई को बाढग्रस्त जनपदों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी कुछ स्थानों का दौरा किया । ‘एनडीआरएफ’ ने अभी तक ८०० छावनियों में ६० सहस्र बाढपीडितों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया है ।
NDRF teams are carrying out relief and rescue operations in flood affected areas of #Bihar.
Report: Asis Kumar@NDRFHQ pic.twitter.com/DEpa7MOvaZ
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 24, 2020
बिहार के १० जनपदों पर प्रहार : ७ लाख ६५ सहस्र नागरिक प्रभावित
प्रतिवर्ष के समान राज्य में इस वर्ष भी बाढ की स्थिति उत्पन्न हो गई है । बाढ की इस स्थिति का प्रहार राज्य के १० जनपदों पर हुआ है तथा ७ लाख ६५ सहस्र नागरिक प्रभावित हुए हैं । विशेषतः नेपाल की सीमा से लगे हुए पूर्व और पश्चिम चंपारण, सीतामढी, सुपौल, शिहोर, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज ये जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं । सर्व जनपदों की कुल २४५ पंचायतों में हाहाकार मचा हुआ है । अभी तक ५ सहस्र बाढग्रस्तों को तात्कालिक छावनियों में रखा गया है । यहां बचावकार्य के लिए ‘एनडीआरएफ’ की १३ टुकडियां तैनात की गई हैं तथा उन्होंने अभी तक ३६ सहस्र ४४८ नागरिकों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया है ।
बाढ में प्रशासान का नियोजन बह गया है !असम और बिहार, इन राज्यों में प्रतिवर्ष बाढ की स्थिति निर्माण होने से लाखों नागरिक पीडित होते हैं तथा अनेक लोगों की मृत्यु हो जाती है । इतने वर्षों में प्रशासन बाढ पर नियंत्रण नहीं कर पाया है । इसलिए प्रतिवर्ष के समान इस वर्ष की बाढ में भी प्रशासन का नियोजन बह जाने का चित्र सर्वत्र दिखाई दे रहा है । प्रशासन की इस असंवेदनशीलता पर बाढपीडितों द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है । |