इस्‍लामाबाद (पाकिस्‍तान) के पहले हिन्‍दू मंदिर की भूमि पर बकरी ईद के दिन गोहत्‍या होने की संभावना

  • गोहत्‍या कर भूमि को अपवित्र बनाने की धर्मांधों की तैयारी
  • इससे पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यक हिन्‍दुआें की स्‍थिति कितनी दयनीय है, यह ध्‍यान में आता है ! हिन्‍दुआें को ऐसा लगता है कि अब इस संदर्भ में भारत सरकार को आवाज उठानी चाहिए !

इस्‍लामाबाद (पाकिस्‍तान) – यहां पाकिस्‍तान सरकार के १० करोड रुपए की सहायता से बनाया जानेवाला प्रस्‍तावित प्रथम हिन्‍दू मंदिर का निर्माण वहां के कट्टर मुसलमान संगठनों के विरोध के कारण बनने की संभावना अल्‍प हुई है । वर्तमान में दक्षिण कोरिया में रहनेवाले पाकिस्‍तान के सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्‍ता राहत ऑस्टिन ने धर्मांधों द्वारा आनेवाली बकरी ईद के दिन, जहां इस मंदिर का निर्माण होनेवाला है, उस भूमि पर गोहत्‍या कर उस स्‍थान को अपवित्र करने की और वहां हिन्‍दुआें को धमकाए जाने की संभावना व्‍यक्‍त की है ।

१. इस्‍लामाबाद में वर्तमान में ३ सहस्र हिन्‍दू रहते हैं । वहां केवल २ मंदिर हैं; परंतु वो भी मुसलमानों के नियंत्रण में हैं । वहां हिन्‍दू पूजा नहीं कर सकते । इसलिए यहां के हिन्‍दू इस्‍लामाबाद में मंदिर का निर्माण करना चाहते हैं, साथ ही वे वहां के परिसर में अंतिम संस्‍कार भी करना चाहते हैं । वर्तमान में उन्‍हें किसी के अंतिमसंस्‍कार के लिए सैकडों कि.मी. दूर सिंध प्रांत में जाना पडता है ।

२. इस्‍लामाबाद में मंदिर निर्माण के लिए तत्‍कालीन नवाज शरीफ सरकार ने हिन्‍दुआें को भूमि प्रदान की थी । उनके कार्यकाल में मंदिर का निर्माण नहीं हो सका था । तत्‍पश्‍चात सत्ता में आई इमरान खान की सरकार ने मंदिर के लिए १० करोड रुपए की सहायता राशि की घोषणा की; परंतु पैसे मिलने में विलंब होने से हिन्‍दुआें ने स्‍वयं ही १३ लाख रुपए इकट्ठा कर मंदिर का निर्माणकार्य आरंभ किया । उस समय मुसलमान संगठनों ने इसका विरोध किया, जिससे मंदिर निर्माण का कार्य रोक दिया गया ।