- इस्लाम में मूर्तिपूजा अमान्य होने के कारण गत १ सहस्र ४०० वर्षों में जहां जहां इस्लाम का प्रसार हुआ है, वहां वहां देवताआें की लाखों मूर्तियां तोडी गई हैं, यह इतिहास है तथा आज भी यही हो रहा है; परंतु इस संबंध में धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी अपना मुंह नहीं खोलते, यह ध्यान में रखिए !
- ‘बौद्ध-मुसलमान भाई भाई’ कहनेवाले अब क्यों नहीं बोलते ?
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाक स्थित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मिली गौतम बुद्ध की पत्थर की प्राचीन मूर्ति धर्मांधों द्वारा तोडने की घटना सामने आई है । यहां के मर्दन जनपद में यह मूर्ति मिली थी । यहां के एक मौलाना के कहने पर स्थानीय मजदूरों ने उसे तोड दिया । मूर्ति तोडे जाने का एक ‘वीडियो’ सामाजिक माध्यमों में प्रसारित हुआ है । इस प्रकरण में पुलिस ने ४ लोगों को बंदी बनाया है ।
यहां एक मकान के निर्माणकार्य के समय यह मूर्ति मिली थी । ईसवी सन २०० वर्ष पूर्व यहां बौद्ध धर्म का चलन था । बताया जा रहा है कि यह उसी समय की मूर्ति थी ।